×

Jhansi News: आधा बीघा जमीन बन गई जान की दुश्मन, आर्थिक तंगी से जूझ रहे दंपत्ति ने लगाई फांसी

Jhansi News: मृतक के बड़े भाई, गांव के भूतपूर्व प्रधान शत्रुघ्न गुर्जर ने बताया, गांव के ही एक व्यक्ति ने शिव प्रकाश की करीब साढे 24 बीघा जमीन खरीदी थी। वही लोग उसकी आधा बीघा जमीन भी खरीदने का दबाव बना रहे थे।

Gaurav kushwaha
Published on: 27 Dec 2024 4:04 PM IST
Jhansi News: आधा बीघा जमीन बन गई जान की दुश्मन, आर्थिक तंगी से जूझ रहे दंपत्ति ने लगाई फांसी
X

आधा बीघा जमीन बन गई जान की दुश्मन, आर्थिक तंगी से जूझ रहे बुजुर्ग दंपत्ति ने लगाई फांसी (newstrack)

Jhansi News: पूंछ थाना क्षेत्र के ग्राम सेसा में बुजुर्ग पति-पत्नी ने एक साथ फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, दोनों से शव उनके खेत में लगे पेड़ पर लटके मिले। वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। उनके पास 25 बीघा जमीन थी, जिसमें से केवल आधा बीघा बची थी। पति दिव्यांग था, पत्नी मजदूरी करती थी तथा बेटा ताऊ के साथ रहता था। परिजनों ने गांव के ही एक व्यक्ति पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर जांच शुरू कर दी है। मृतक ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है।

घटना का विवरण

शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे पूंछ पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम सेसा में खेत पर बुजुर्ग दंपत्ति ने फांसी लगा ली है। सूचना पर थाना प्रभारी जेपी पाल ने अपनी टीम के साथ जाकर देखा कि 60 बर्षीय शिवप्रकाश गुर्जर और उसकी पत्नी करीब 56 बर्षीय रामू राजा ने उनके खेत पर लगे जामुन के पेड़ से फांसी लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गई है। पुलिस ने परिजनों की सहायता से दोनों के शव फांसी के फंदे से नीचे उतार कर अपने कब्जे में लिये। सूचना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेन्द्र नाथ मिश्रा और फोरेंसिक टीम ने पहुंचकर नमूने एकत्रित किए और घटना संबंधी जानकारी ली, परिजनों से पूछताछ की गई।

बताया कि शिव प्रकाश तथा उसकी पत्नी रानू राजा तड़के सुबह करीब 5:00 बजे घर से खेत पर आए थे, जहां उन्होंने यह कदम उठाया। उनका इकलौता पुत्र अंकित गुर्जर अपने ताऊ शत्रुघ्न के घर में रहता था तथा उसके मां-बाप गांव में अलग रहते थे। पुत्री रूपाली की शादी हो चुकी है। शिव प्रकाश के पास करीब 25 बीघा जमीन थी। जिसमें से केवल आधा बीघा बची है, अन्य साढ़े 24 बीघा गांव के ही एक व्यक्ति को बेच दी थी।

आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे

करीब 8 बर्ष पहले शिव प्रकाश गिरकर घायल हो गया था, तभी से वह बैसाखी के सहारे चलता था। इसके बाद पत्नी आसपास के खेतों में मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने पति का भरण-पोषण करती थी। पुत्र अंकित ने ऋण लेकर दो भैंसें खरीदी थी। वह दूध का व्यापार करने के साथ-साथ, आधार कार्ड, आय, जाति आदि बनवाने में लोगों की मदद भी कर देता था। जिससे उसे कुछ आमदनी होती थी और मां-बाप का सहयोग कर देता था। ग्रामीण बताते हैं कि कई बार तो ऐसा होता था कि उनके घर में चूल्हा तक नहीं जलता। पिछले सप्ताह तीन दिन तक उनके घर में खाना नहीं बना तो आसपास के लोगों ने शिव प्रकाश और रामू राजा को गल्ला, खाना आदि देकर उनकी सहायता कर दी थी।

गांव के ही लोगों पर उत्पीड़न का आरोप

मृतक के बड़े भाई, गांव के भूतपूर्व प्रधान शत्रुघ्न गुर्जर ने बताया, गांव के ही एक व्यक्ति ने शिव प्रकाश की करीब साढे 24 बीघा जमीन खरीदी थी। वही लोग उसकी आधा बीघा जमीन भी खरीदने का दबाव बना रहे थे। उन्हीं लोगों ने करीब 10 बर्ष पूर्व शिव प्रकाश के खिलाफ झूठा 'घर में घुसकर मारपीट' करने का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें शिव प्रकाश को जेल भी हो गई थी। बताया कि कुछ दिन पहले शिव प्रकाश का पुत्र अंकित खेत जोतने आया, तब उन्हीं लोगों ने उसे खेत जोतने से रोका तथा धमकाया था। आरोप है कि वह तरह-तरह से शिव प्रकाश और उसके परिवार का मानसिक उत्पीड़न कर रहे थे।

आत्महत्या से पहले छोड़ा सुसाइड नोट

शिव प्रकाश ने मौत से पहले सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उसने गांव के ही लोगों पर जमीन खरीदने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। उत्पीड़न करने की भी बात लिखी है।



Ragini Sinha

Ragini Sinha

Next Story