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Jhansi News: चेतावनीः माताटीला बांध में बचा सिर्फ 6.7 प्रतिशत पानी
अप्रैल के दूसरे सप्ताह से ही पानी को लेकर त्राहि त्राहि मचनी शुरू हो गई है। गर्मियों में यहां का भूमिगत जलस्तर नीचे जाने से हैंडपंप, सब मर्सिबल, कुएं और जलस्रोत सूख जाते हैं।
Jhansi News: राजघाट बांध में अपनी पूरी क्षमता के सापेक्ष सिर्फ 6.70 प्रतिशत पानी बचा है। अगर समय से बारिश न हुई तो झांसी और ललितपुर की पेयजल आपूर्ति पर संकट पैदा हो सकता है। इसके पश्चात बांध का जलस्तर तलहटी तक पहुंच जाएगा। यदि इस दौरान मानसून नहीं आता है तो पेयजल को लेकर गंभीर समस्या पैदा हो सकती है। बेतवा नदी पर स्थित राजघाट और माताटीला बांध की गिनती बड़े बांधों में होती है। यह बांध झांसी, ललितपुर और जालौन को न केवल सिंचाई के लिए बल्कि पीने के लिए भी पानी उपलब्ध कराते हैं।
गर्मियां प्रारंभ हो गयीं हैं। अप्रैल के दूसरे सप्ताह से ही पानी को लेकर त्राहि त्राहि मचनी शुरू हो गई है। गर्मियों में यहां का भूमिगत जलस्तर नीचे जाने से हैंडपंप, सब मर्सिबल, कुएं और जलस्रोत सूख जाते हैं या फिर बहुत कम पानी उपलब्ध करा पाते हैं। मालूम हो कि माताटीला बांध का जलस्तर 308 मीटर है।
इसे ऐसे में विभाग द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि बांध में पानी की जो उपलब्धता है जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि बरसात जून के दूसरे सप्ताह तक प्रारंभ न हुई तो झांसी और ललितपुर में पेयजल का संकट गहरा सकता है। अधिशासी अभियंता, बेतवा प्रखंड, झांसी उमेश कुमार ने बताया कि राजघाट बांध में वर्तमान में जो पानी उपलब्ध है उससे दो माह तक सप्लाई की जा सकती है। उसके बाद मानसून आने पर बांध पूरी क्षमता से भर जाएगा।