×

Jhansi News: जनपद के 22 पशु अस्पतालों में सिर्फ दस फार्मासिस्ट

Jhansi News: फार्मासिस्ट की कमी होने से कहीं-कहीं एक-एक फार्मासिस्ट को चार-चार अस्पतालों का काम देखना पड़ रहा है, प्रदेश सरकार का फोकस गोवंश की सुरक्षा और गोशालाएं बनवाने पर ज्यादा है।

Gaurav kushwaha
Published on: 22 Jun 2024 12:05 PM IST
Jhansi News
X

Jhansi News

Jhansi News: जहां एक ओर प्रदेश सरकार गोवंश के संरक्षण की बात कह रही है तो वहीं दूसरी ओर राजकीय पशु चिकित्सालयों में गोवंश का इलाज करने के लिए पर्याप्त स्टाफ तक नहीं है। जिले के 22 राजकीय पशु चिकित्सालयों में डॉक्टर्स की तैनाती तो है परंतु दवा देने वाले फार्मासिस्ट और इलाज में सहायक भूमिका अदा करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की संख्या जरूरत के मुताबिक आधी है। ऐसे में कई अस्पतालों में डॉक्टर साहब को कई काम करने पड़ते हैं। फार्मासिस्ट की कमी होने से कहीं-कहीं एक-एक फार्मासिस्ट को चार-चार अस्पतालों का काम देखना पड़ रहा है।

प्रदेश सरकार का फोकस गोवंश की सुरक्षा और उनके लिए गोशालाएं बनवाने पर ज्यादा है। वहीं, गोवंश को निरोगी और स्वस्थ्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले राजकीय पशु चिकित्सालयों की ओर ध्यान न के बराबर है। इसकी वजह है कि राजकीय पशु चिकित्सालय कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। जनपद के 22 पशु चिकित्सालयों में वेटनरी डॉक्टर तो तैनात हैं। पशुपालकों द्वारा अस्पताल में लाए गए बीमार गोवंश का चेकअप तो चिकित्सक कर लेते हैं। इसके बाद लिखी गई दवा देने के लिए वेटनरी फार्मासिस्ट बहुत कम हैं।

पूरे जनपद में 10 फार्मासिस्ट तैनात हैं। इसके अलावा इन अस्पतालों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की बहुत कमी है। 22 चिकित्सालयों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के 122 पद स्वीकृत हैं परंतु वर्तमान में सिर्फ 62 कर्मचारी ही हैं। ऐसे में लगभग हर अस्पताल में कर्मचारियों की कमी है। इस वजह से बीमार गोवंश की चिकित्सा में चिकित्सक और फार्मासिस्ट को कई काम खुद करने पड़ते हैं। हालांकि इस संबंध में उच्च अधिकारियों द्वारा समय-समय पर कर्मचारियों की कमी को लेकर शासन को सूचना भेजी जाती हैं। साथ ही रिक्त पदों पर कर्मचारियों की तैनाती किए जाने की बात कही जाती है।

कर्मचारी बढ़ाए जाएं, दवाएं भी पर्याप्त हों

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि गो पालन हो। गायों की सेवा होनी चाहिए। जनपद में राजकीय पशु चिकित्सालयों और कर्मचारियों की कमी है, ऐसे में बीमार गोवंश का इलाज सुगमता से कैसे हो पाएगा। सरकार को अस्पतालों की संख्या, पर्याप्त कर्मचारियों की तैनाती तो करनी चाहिए। साथ ही अस्पतालों में गोवंश के इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए।



Shalini singh

Shalini singh

Next Story