Jhansi News: गेट बंद कालोनी के लोग तरस रहे सरकारी पानी को

Jhansi News: कीमती फ्लैटों में रहने वालों को मजबूरी में पीना पड़ रहा बोरिंग का पानी।

Gaurav kushwaha
Published on: 10 Oct 2024 9:44 AM GMT
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Jhansi News: तमाम प्रयासों और भागदौड़ के बाद भी महानगर की लगभग 50 गेट बंद कालोनियों के कीमती फ्लैटों और बंगलों तक जल संस्थान का फिल्टर पानी नहीं पहुंच सका है। खुद झांसी विकास प्राधिकरण की बेतवा विहार कालोनी तक जल निगम या जल संस्थान द्वारा पानी नहीं पहुंचाया गया। ऐसे में जेडीए को खुद के संसाधनों से बेतवा विहार के कुछ हिस्सों में पाइप लाइन डलवाना पड़ा तब जाकर लोगों को सरकारी पानी मिल पाया। लेकिन यहां मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में यह व्यवस्था नहीं हो पाई है। इसके अलावा महानगर की महंगी समझी जाने वाली सनफ्रान, इमामी, विजन हाइट, ग्रीन होम रेजीडेंसी, सन सिटी, अशोक वैली, गणेश कालोनी, रॉयल सिटी सहित तमाम गेट बंद कालोनियां हैं जहां लोग अब भी बोरिंग का पानी पीने को मजबूर हैं।

पेयजल संकट की संकट की स्थिति हुई पैदा

यहां बताना जरूरी है कि बीते मई जून माह में कई कालोनियों को पानी सप्लाई करने वाली बोरिंग सूख जाने से यहां पेयजल संकट पैदा हो गया था, कालोनी वासियों में पानी के लिए हाहाकार मच गया था। लोगों ने खूब धरना-प्रदर्शन किए लेकिन कुछ नहीं हुआ। बाद में जल संस्थान ने पानी के टैंकर भेजकर कालोनी की समस्या को कुछ हद तक दूर किया।गौरतलब है कि महानगर के कई इलाकों में कालोनाइजरों ने महंगी गेट बंद कालोनियां बनाई हैं। इन कालोनियों में साठ-सत्तर लाख से एक करोड़ रुपए तक के फ्लैट बनाए गए। लोगों को कालोनियों में सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराए जाने का वायदा भी किया गया। जब इन कालोनियों में लोग बसने शुरू हो गए तो कड़वी हकीकत का सामना करना पड़ा। इन कालोनियों में पेयजल सप्लाई की कोई व्यवस्था नहीं थी। हालांकि घरों में नल की टोंटियां लगी हुईं थीं लेकिन इनमें सरकारी पानी की सप्लाई नहीं थी।

लोगों को करना पड़ रहा दिक्कत का सामना

लोगों को पेयजल संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बोरिंग करानी पड़ी। कई क्षेत्रों की बोरिंग के जो पानी निकला वह पीने योग्य नहीं था। मामला बिगड़ता देख कालोनाइजरों ने जल संस्थान और जल निगम के चक्कर लगाने शुरू कर दिए ताकि उनकी कालोनी तक सरकारी पानी की पाइप लाइन पहुंच सके। लेकिन दोनों विभागों ने हाथ खड़े कर दिए। विभागों का कहना है कि जब पाइप लाइनें बिछ जाएंगी, टंकियों का निर्माण हो जाएगा, पाइप लाइन में पानी आने लगेगा तब इन कालोनियों तक पानी पहुंच पाना संभव होगा। पानी न होने की वजह से इन कालोनियों को बसाने वाले लोग अब जल निगम और जल संस्थान के चक्कर लगा रहे हैं। जल निगम का कहना है कि अमृत योजना के तहत वार्डों के मुहल्लों में पानी के कनेक्शन दिए जा रहे हैं लेकिन प्राइवेट कालोनी वालों के कोई आवेदन नहीं आए हैं। वहीं जल संस्थान का कहना है कि जब कालोनियों में पाइप लाइन डालने का काम पूरा हो जाएगा और जल निगम हमें कालोनी हैंडओवर कर देगा तभी जल संस्थान कुछ कर सकता है। फिलहाल इन कालोनियों में पानी की व्यवस्था के लिए धरातल पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।

महानगर के लगभग आधे क्षेत्र में नहीं है पाइप लाइन

महानगर के लगभग आधे वार्डों में पाइप लाइन से पेजयल सप्लाई की कोई व्यवस्था नहीं है। लगभग 25 वार्ड तो ऐसे हैं जोकि पूरी तरह से बोरिंग के पानी या जल संस्थान द्वारा टैंकर से की जाने वाली पानी की सप्लाई पर निर्भर हैं। नगर निगम में शामिल ग्राम सभाओं के अलावा शहरी क्षेत्र के कई मुहल्लों में अब तक पानी की पाइप लाइन ही नहीं है। वैसे महानगर के समस्त वार्डों के घरों तक जल निगम का शुद्ध फिल्टर पानी पहुंचाने के लिए अमृत कार्यक्रम के तहत झांसी पेयजल पुनर्गठन योजना का काम चल रहा है। योजना का कार्य पूर्ण होने पर लगभग हर वार्ड को पानी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

Sonali kesarwani

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Content Writer

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