Jhansi News: 143 साल बाद रेलवे में नए युग की शुरुआत, जानिए झांसी स्टेशन कैसे बनेगा हाईटेक

Jhansi News: वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन का पुनर्विकास रु. 477.55 करोड़ की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 साल की संभावित आवश्यकताओं के दृष्टिगत किया जा रहा है।

B.K Kushwaha
Published on: 6 Aug 2023 1:28 PM GMT
Jhansi News: 143 साल बाद रेलवे में नए युग की शुरुआत, जानिए झांसी स्टेशन कैसे बनेगा हाईटेक
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(Pic: Newstrack)

Jhansi News: रेलवे की अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत झांसी रेल मंडल के वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन, डबरा और खजुराहो रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया। उन्होंने कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना से रेलवे में नए युग की शुरुआत हो रही है।

स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 साल की आवश्यकताओं के दृष्टिगत

वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन का पुनर्विकास रु. 477.55 करोड़ की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 साल की संभावित आवश्यकताओं के दृष्टिगत किया जा रहा है। सिटी प्लानर के अनुसार दूसरी एंट्री और सर्कुलेटिंग एरिया का विकास होगा, जिसमें दोनों तरफ वृहद पार्किंग स्थल का प्रावधान रहेगा।

खजुराहो और डबरा स्टेशनों की भी बदलेगी सूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी, खजुराहो और डबरा स्टेशनों के पुनर्विकास करने का शिलान्यास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इस अवसर पर वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में झांसी मंडल के मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा, अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) आरडी मौर्य, केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, झांसी ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा, कॉरपोरेट निदेशक राम नरेश तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पवन गौतम, विधायक सदर रवि शर्मा, विधायक गरौठा जवाहर राजपूत सहित स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। इस अवसर पर स्कूलों में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।

स्टेशन पर ये मिलेंगी सुविधाएं

स्टेशन पर 36 लिफ्टों, 19 एस्केलेटर्स के अतिरिक्त 02 ट्रैविलेटर की सुविधा उपलब्ध होगी। स्टेशन पर पीक घंटों में 6093 के स्थान पर 17061 यात्रियों की वहन क्षमता, नए अत्याधुनिक जन सुविधा युक्त, अधिक क्षमता वाले प्रतीक्षालय का प्रावधान होगा। एक बार में 298 यात्रियों को बैठाने की क्षमता वाला AC लाउन्ज के साथ-साथ पश्चिम सर्कुलेटिंग क्षेत्र में 98 यात्रियों की क्षमता वाला नॉन AC लाउन्ज का प्रावधान किया जायेगा। स्टेशन पर 8920 वर्ग मीटर के कमर्शियल एक्टिविटीज की सुविधाएं, लगभग 2500 KWP के सोलर पैनल के माध्यम से स्टेशन को ऊर्जा प्रदान की जाएगी। यात्रियों को गाड़ियों के समय से सम्बंधित सूचना प्रदान करने हेतु 10 बड़ी वीडियो वाल का प्रावधान किया जाएगा।

1880 में हुआ था रेलवे स्टेशन का निर्माण

करीब 143 साल पहले ब्रिटिश शासनकाल में शुरु किए गए झांसी रेलवे स्टेशन के दिन बहुरने जा रहे हैं। रेलवे स्टेशन का निर्माण 1880 के अंत में अंग्रेजों द्वारा किया गया था। तीन स्थानों के लंबे सर्वेक्षण के बाद स्टेशन के लिए वर्तमान स्थल का चयन किया गया। स्टेशन में एक विशाल किले जैसी इमारत है जो मैरून और मटमैले सफेद रंग में रंगी हुई है। प्राचीन काल में, झांसी चंदेल राजपूत राजाओं का गढ़ था और इसे बलवंत नगर के नाम से जाना जाता था। हालाँकि, 11वीं शताब्दी में चंदेल राजवंश के पतन के बाद इसका महत्व कम हो गया। यह 17 वीं शताब्दी में प्रमुखता से उभरा जब ओरछा राज्य के राजा बीर सिंह देव ने 1613 में झाँसी किले का निर्माण कराया।

शुरुआत में स्टेशन पर तीन प्लेटफार्म थे। प्लेटफ़ॉर्म वन 2,525 फीट (770 मीटर) लंबा है, जो इसे भारत में पांचवां सबसे लंबा प्लेटफ़ॉर्म बनाता है। यह एक समय में दो ट्रेनों को आसानी से संभाल सकता है, प्लेटफॉर्म दो और तीन के मामले भी यही हैं। यह स्टेशन इंडियन मिडलैंड रेलवे कंपनी का केंद्र बिंदु था, जिसने झांसी से सभी दिशाओं में रेडियल रूप से लाइनें बिछाईं और झांसी में बड़ी कार्यशाला का प्रबंधन किया। पहले झांसी मध्य रेलवे ज़ोन का हिस्सा हुआ करता था, जिसका मुख्यालय मुंबई में था, लेकिन अब यह उत्तर मध्य रेलवे ज़ोन के अंतर्गत आता है, जिसका मुख्यालय प्रयागराज में है। 1 जनवरी 2022 को, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की याद में रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर झांसी जंक्शन से वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन कर दिया गया।

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