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Jhansi News: योगीराज में पुलिस में आया नया ट्रेंड? थाने के कारखास चला रहे हैं पुलिस चौकियां

Jhansi News: प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के आदेशों की झाँसी में खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जनपद में अधिकांश थानों में पीड़ितों को हर तरह की मदद मिल रही हैं मगर एक थाना ऐसा है, जहां थाना पर बैठकर पुलिस चौकियां चलाई जा रही हैं।

B.K Kushwaha
Published on: 5 Dec 2023 12:56 PM IST
Jhansi News
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सांकेतिक तस्वीर (सोशल मीडिया)

Jhansi News: जनपद में एक थाना दबंगई से चल रहा है? इसी थाने के कारखास थाना में बैठकर ही पुलिस चौकियां चला रहे हैं। यह लोग खुद जांच करने पहुंच जाते हैं। थाना पर बुलाकर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। इसकी जानकारी झाँसी से लेकर शासनस्तर पर बैठे पुलिस अफसरों को अच्छी तरह से हैं मगर उस थाना की दबंगई के सामने ही अफसर भी नस्त मस्तक नजर आ रहे हैं।

प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के आदेशों की झाँसी में खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जनपद में अधिकांश थानों में पीड़ितों को हर तरह की मदद मिल रही हैं मगर एक थाना ऐसा है, जहां थाना पर बैठकर पुलिस चौकियां चलाई जा रही हैं। बताते हैं कि कोई पीड़ित मंडलायुक्त, पुलिस उपमहानिरीक्षक, डीएम और एसएसपी के यहां न्याय मांगने जाता है तो संबंधित कार्यालय से के अफसर से चौकी प्रभारियों या थानेदार को जांच करने के निर्देश देते हैं। मगर यह जांच थानेदार या चौकी प्रभारी ना करके इसी थाना के कारखास करते हैं। यह लोग दोनों पक्षों के पास बाइक से जाते हैं। थाना पर बुलाकर वार्तालाप करते हैं। इसके बाद मामले को रफा दफा कर दिया जाता है।

अब हालात यह है कि चौकी प्रभारी चौकियों में बैठे हुए नजर आते हैं या फिर विवेचना में व्यस्त हो जाते हैं मगर थाना से कोई भी प्रार्थना पत्र जांच के लिए नहीं भेजा जाता हैं क्योंकि कारखास ही थाना पर बैठकर पुलिस चौकी चला रहे हैं।

गांजा और शराब की वसूली में मस्त है विवादित सिपाही

इस थाना में एक सिपाही ऐसा भी जिसे दो समुदायों के बीच हुए विवाद के चलते उस थाना से हटाया गया था। लेकिन यह सिपाही थानेदार का कारखास बन गया है। इस थाना में दो कारखास हैं। एक थाना के अंदर तो दूसरा थाना के बाहर। थाना के बाहर घूमने वाला कारखास बाइक पर सादे लिवास में घूमता हुआ नजर आता है। इसका काम मात्र अवैध शराब और गांजा की बिक्री का पैसा वसूलना होता हैं। इसी सिपाही से बेगारी कराई जाती हैं, किसी को क्या देना है और क्या नहीं देना है? किसको खुश रखना है?

गोपनीय जांच हो जाए तो खुल जाएगा रहस्य

सूत्र बताते हैं कि इस थाना की गोपनीय तरीके से जांच हो जाए तो कई रहस्य खुलकर सामने आ जाएंगे। डीएम, एसएसपी कार्यालय से जांच के लिए भेजे जाने वाले शिकायती पत्रों से पता चल जाएगा कि, किस चौकी प्रभारी ने शिकायती पत्रों की जांच की है अथवा नहीं? चौकी प्रभारियों को जांच के लिए थाना से यह पत्र क्यों नहीं भेजे जा रहे है?

बंद चैम्बर में सट्टा व जमीन कारोबारी से होती है गोपनीय वार्तालाप

आईपीएल का सट्टा महानगर में चरमसीमा पर है। इस सट्टा का मास्टर माइंड इसी थाना क्षेत्र में रहता है। वह खुद चैम्बर में जाकर वार्तालाप करता हैं। इसके बाद चला जाता है। सट्टा व जमीन से संबंधित मामले में वह खुद निपटा है। इसका नाम हैं रिंकू? यह कई सालों से सट्टा के कारोबार कर रहा हैं मगर अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है ?

इन सिपाहियों से हो सकता हैं विवाद

बड़ागांव थाना में पदस्थ कांस्टेबल ओमवीर सिंह और निखिल सिंह खुद एसओ के वाहन में बैठते हैं। रात को ही वह खुद एसओ के वाहन को चलाते हैं। रात आठ से सुबह आठ बजे तक इनकी ड्यूटी रहती हैं। काफी दिनों से इन दोनों की ड्यूटियां नहीं बदली गई हैं। यह लोग हाइवे से निकलने वाले गिट्टी व बालू जैसे बड़े वाहनों से वसूली करते हैं। कुछ दिनों पहले इन दोनों सिपाहियों को पैसों को लेकर ट्रक चालक से विवाद भी हुआ था। बाद में मामले को रफा दफा कर दिया गया। इसकी जानकारी थानेदार को है या नहीं? सूत्र कहते हैं कि आए दिन हो रही वसूली को लेकर दोनों सिपाहियों से बड़ी वारदात भी हो सकती है।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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