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Jhansi News: कभी भी संग्रहालय की राह पकड़ सकते हैं पोस्टकार्ड

Jhansi News: अब पोस्टकार्ड के वजूद पर खतरा मंडराने लगा है। अब भी पोस्टकार्ड की कीमत 50 पैसे है, परंतु मोबाइल पर मैसेज करने की सुविधा की वजह से पोस्टकार्ड की डिमांड घट गई है।

Gaurav kushwaha
Published on: 30 May 2024 11:07 AM IST
Postcards in museum
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कभी भी संग्रहालय की राह पकड़ सकते हैं पोस्टकार्ड  (photo: social media )

Jhansi News: किसी जमाने में गरीबों को चिट्ठी लिखने के लिए 15 पैसे में बिकने वाला पोस्टकार्ड सबसे सस्ता और सुलभ साधन था। पर, इंटरनेट क्रांति आने से पोस्टकार्ड बीते समय की बात हो गए हैं। हालांकि इनकी कीमत अब मात्र 50 पैसे है फिर भी इनका प्रचलन लगभग बंद सा हो गया है। ऐसा ही रहा तो आने वाले समय में पोस्टकार्ड संग्रहालय में पुरातन सामग्री के रूप में प्रदर्शित किए जा सकते हैं।

भारतीय डाक सेवा दशकों तक हर भारतवासी के जीवन से जुड़ी रही है। गरीबों के लिए डाकसेवा में पोस्टकार्ड सबसे सस्ता और सुलभ साधन रहा है। हालांकि इस दौरान अंतर्देशीय, लिफाफे भी थे। तुरंत संदेश भेजने के लिए टेलीग्राम की सुविधा भी थी परंतु यह वर्षों पहले बंद कर दी गई। बावजूद इसके 15 पैसे का पोस्टकार्ड भारत की डाक व्यवस्था का सबसे लोकप्रिय साधन रहा है। लेकिन अब पोस्टकार्ड के वजूद पर खतरा मंडराने लगा है। हालांकि अब भी पोस्टकार्ड की कीमत 50 पैसे है, परंतु मोबाइल पर मैसेज करने की सुविधा की वजह से पोस्टकार्ड की डिमांड घट गई है।

राजकीय संग्रहालय के सामने बने डाकघर की शाखा में कभी कभार लोग डाक सामग्री खरीदने आते हैं, परंतु पोस्टकार्ड की डिमांड न के बराबर है। वहीं अंतर्देशीय पत्र की बिक्री लगभग बंद सी हो गई है। बाजार में बिकने वाले सजावटी लिफाफों की मांग पोस्ट ऑफिस में बिकने वाले लिफाफों की तुलना में अधिक है। बाजार के लिफाफों में डाक टिकट निर्धारित राशि के डाक टिकट लगाने पड़ते हैं, ऐसे में डाक टिकटों के साथ ई-टिकट का भी प्रचलन बढ़ गया है।

बैंकिंग सेवा देने लगे पोस्टऑफिस

पोस्टऑफिस का कार्य पोस्टल सामग्री की बिक्री के अलावा लोगों के घरों तक उनकी चिट्ठी पहुंचाना था। अब पोस्टऑफिस की सेवाओं में वृद्धि कर दी गई है। पोस्टऑफिस बैंकिंग के अलावा जनसेवा केंद्र में किए जाने वाले कार्य भी करने लगे हैं। वहीं नई सेवाओं के तहत आधार कार्ड संशोधन भी किए जाते हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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