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Jhansi News: झांसी में कुंभ समिट, दो दिन के कार्यक्रम में होंगे विविध आयोजन
Jhansi News: कुम्भ समिट के अंतर्गत कुम्भ अभिनंदन रोड शो, बाल-युवा कुम्भ, कला-संस्कृति कुम्भ, कवि कुम्भ, भक्ति कुम्भ जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे।
Jhansi News: यूपी सरकार ने प्रयागराज महाकुम्भ 2025 से पूर्व होने वाले आयोजनों की श्रृंखला में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कुम्भ पर आधारित आयोजनों की श्रृंखला तैयार की है। इस श्रृंखला में झांसी में दो दिनों के कुम्भ समिट का आयोजन किया जाना है। लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान लखनऊ की एक टीम 16 अक्टूबर को झांसी आएगी और कार्यक्रम की तैयारियों के सम्बन्ध में शिक्षण संस्थानों, प्रशासनिक अफसरों और सामाजिक संगठनों के साथ बैठक करेगी और कार्यक्रम की प्रस्तावित तारीखों के बारे में भी चर्चा होगी।
झांसी में कुम्भ समिट के आयोजन के लिए पूर्व में 11 और 12 अक्टूबर की तारीखें तय हुयी थी लेकिन इन दिनों में सार्वजनिक अवकाश और त्यौहार होने के कारण अब इसके आयोजन के लिए नई तारीखें तय होनी हैं। कुम्भ समिट के अंतर्गत कुम्भ अभिनंदन रोड शो, बाल-युवा कुम्भ, कला-संस्कृति कुम्भ, कवि कुम्भ, भक्ति कुम्भ जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे।
आयोजन में चित्रकला और फोटोग्राफी प्रतियोगिता की जिम्मेदारी ललितकला अकादमी को, शास्त्रीय, उपशास्त्रीय गायन, वादन, नृत्य प्रतियोगिता की जिम्मेदारी संगीत नाटक अकादमी को, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक धरोहर पर आधारित प्रदर्शनी का काम राज्य पुरातत्व विभाग, राजकीय अभिलेखागार और संग्रहालय निदेशालय को, नाट्य प्रतियोगिता की जिम्मेदारी भारतेन्दु नाट्य अकादमी को, कला और रंगोली प्रतियोगिताएं कराने का जिम्मा उत्तर प्रदेश लोक व जनजाति संस्कृति संस्थान को दिया गया है।
कुम्भ की परम्परा पर आधारित क्विज प्रतियोगिता का होगा आयोजन
पुरातत्व निदेशालय सांस्कृतिक-आध्यात्मिक धरोहर और कुम्भ की परम्परा पर आधारित क्विज प्रतियोगिता आयोजित करेगा जबकि माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग के समन्वय से स्कूली बच्चों और युवाओं के लिए कुम्भ के आदर्शों व परम्पराओं से जोड़ने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान लखनऊ के निदेशक अतुल द्विवेदी ने बताया कि कुम्भ समिट की तैयारियों के सम्बन्ध में एक टीम 16 अक्टूबर को झांसी पहुंचेगी। यहां टीम प्रशासन और पुलिस विभाग के उच्च अफसरों से कार्यक्रम की रणनीति के संबंध में चर्चा करेगी। इसके साथ ही बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संगठनों, सांस्कृतिक संगठनों आदि के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात कर कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में चर्चा होगी। आयोजन की तारीखों का निर्धारण जल्द हो जाएगा।