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Jhansi News : झांसी मेडिकल कॉलेज में प्रधानाचार्य की तैनाती हुई, लेकिन अभी तक नहीं संभाला चार्ज
Jhansi News : महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी में भीषण अग्निकांड के बाद लगभग चार साल से कार्यवाहक के रूप में प्रधानाचार्य का काम संभाल रहे डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को हटा दिया गया था।
Jhansi News : महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी में भीषण अग्निकांड के बाद लगभग चार साल से कार्यवाहक के रूप में प्रधानाचार्य का काम संभाल रहे डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को हटा दिया गया था। उनकी जगह जौनपुर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर शिव कुमार को झांसी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य के पद पर तैनाती दी गयी है, लेकिन अभी तक उन्होंने अपना चार्ज नहीं संभाला है।
शासन स्तर पर हुई जांच की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाहक प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को हटाते हुए डीजीएमई लखनऊ कार्यालय से अटैच कर दिया गया था और 29 नवंबर को प्रोफेसर शिव कुमार को झांसी के मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य के पद पर तैनात किए जाने के आदेश जारी किए गए थे।
नए प्रधानाचार्य के आगमन का इंतजार
प्रोफेसर शिव कुमार की तैनाती के आदेश के आठवें दिन शुक्रवार को भी मेडिकल कॉलेज परिसर में उनके आगमन और चार्ज लेने का इन्तजार होता रहा, लेकिन वे चार्ज लेने नहीं पहुंचे। नए प्रधानाचार्य के आगमन का इन्तजार हो रहा है।
चार्जशीटेड सीएमएस संभल रहे चार्ज
डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी समेत कई तरह की अव्यवस्थाओं का सामना कर रहे मेडिकल कॉलेज के सामने अब प्रशासनिक संकट खड़ा होता दिखाई दे रहा है। एक ओर चार्जशीटेड डॉ. सचिन माहौर के पास सीएमएस का चार्ज है तो दूसरी ओर नए प्रधानाचार्य के चार्ज लेने पर संशय बना हुआ है।
जांच रिपोर्ट पर हटे थे प्रधानाचार्य
मेडिकल कालेज अग्निकांड मामले में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य को हटा दिया था। साथ ही मेडिकल कालेज की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनीता राठौर, एनआईसीयू वार्ड की सिस्टर इंचार्ज संध्या राय और अवर अभियंता (विद्युत) संजीत कुमार को निलंबित कर दिया गया था।
डॉ. सचिन माहुर को दिया गया था आरोप पत्र
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. सचिन माहुर को आरोप पत्र दिया गया था। आरोपों पर उनकी ओर से जवाब मिलने के बाद कोई कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दूसरी ओर बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. ओम शंकर चौरसिया, सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुलदीप चंदेल और विद्युत प्रभारी की जांच के लिए मंडलायुक्त को सौंपी गई है। मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट के आधार पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह हुई थी घटना
मालूम हो कि 15 नवंबर को एनआइसीयू में शार्ट सर्किट के कारण ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में चिंगारी निकलने से आग फैल गई थी। इसमें अब तक 19 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है। बीते 16 नवंबर को उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने डॉ किंजल सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था।