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Jhansi: सत्ता बदली तो भोपाल चला गया रेलनीर प्लांट, झांसी-ललितपुर से छिन गए रोजगार के अवसर
Jhansi News: झांसी- ललितपुर के वे तमाम लोग जिन्हें रेल नीर के माध्यम से रोजगार मिलना था वह इससे वंचित रह गए।
Jhansi News: पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने अपने कार्यकाल में ललितपुर में उद्योग लगाने के मकसद से रेल नीर प्लांट की घोषणा की। यह योजना स्वीकृत भी हो गई। काम धरातल पर आता कि केंद्र में सत्ता बदल गई और केंद्र में कांग्रेस की जगह भाजपा की सरकार बन गई। रेल नीर प्लांट जिसे ललितपुर में लगना था वह भोपाल के लिए रवाना हो गया। ऐसे में झांसी- ललितपुर के वे तमाम लोग जिन्हें रेल नीर के माध्यम से रोजगार मिलना था वह इससे वंचित रह गए। यूपीए-2 सरकार के समय रेल बजट में जनपद में रेल नीर प्लांट बनाने की घोषणा की गई थी। दरअसल, रेल नीर की मांग तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने की थी।
ललितपुर में एक एकड़ में बनना था
रेल नीर उद्योग के लिए खींचे गए खाके के अनुसार ललितपुर नगर में एक एकड़ जमीन पर प्लांट लगाने की बात कही गई थी। इसके बाद तहसील स्तर संबंधित लेखपाल सरकारी उपयुक्त जमीन को तलाशने लगे। बताया गया कि ललितपुर रेलवे स्टेशन के पास बुढ़वार रोड पर जमीन की तलाश की गई। यहां रेल नीर प्लांट को पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जाना था। प्लांट की स्थापना व इसका संचालन आईआरसीटीसी कंपनी द्वारा किया जाना था। वहीं, इस प्लांट में तैयार होने वाला बोतलबंद पानी रेल नीर नाम के ब्रांड से रेलवे स्टेशनों व रेलगाड़ियों में बेचा जाना था।
इसी दौरान रेल नीर उद्योग को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जाने लगा । इसका विरोध करने वालों का तर्क था कि ललितपुर में पानी की वैसे भी कमी है, ऐसे में बोतल में पानी बंद करके बेचने से यहां पानी की कमी हो जाएगी। इसके कुछ समय बाद लोकसभा चुनाव हुए जिसमें केंद्र में सत्ता बदल गई । यहां की सांसद उमाभारती बन गईं और उन्होंने इसे रोकने की कोई पैरवी नहीं की । लोगों का कहना है कि सत्ता बदलते ही रेल नीर का निर्णय बदल गया, जो प्लांट ललितपुर में लगना था वह अचानक भोपाल चला गया। ऐसे में ललितपुर के लोग हतप्रभ रह गए।