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Jhansi News: रेल हादसों के बाद हरकत में आया रेलवे बोर्ड,अब लोको पायलट को मिलेगी ट्रेनिंग और होगी परीक्षा
Jhansi News: ऑटोमैटिक सिग्नलिंग के लिए लोको पायलटों को मिले बेहतर प्रशिक्षण रेलवे बोर्ड ने जारी किए निर्देश
Jhansi News: रेल हादसों के बाद रेलवे बोर्ड अब हरकत में आ गया। रेलवे बोर्ड ने झांसी रेल मंडल समेत सभी मंडलों को स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र में काम करने के लिए लोको पायलटों के प्रशिक्षण व्यवस्था में एकरुपता लाने को कहा है। बताया गया कि हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं के बाद मानकीकरण की आवश्यकता महसूस हो रही है। इन दुर्घटनाओं में स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र में सिग्नल विफलता एक कारण के रुप में सामने आई है।
रनिंग स्टाफ के लिए अलग- अलग प्रशिक्षण व्यवस्था का करें पालन
रेलवे बोर्ड ने झांसी रेल मंडल समेत सभी मंडलों को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में कहा कि विभिन्न रेलवे मंडल स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र में काम करने के लिए रनिंग स्टॉफ के लिए अलग- अलग प्रशिक्षण व्यवस्था का पालन कर रहे हैं। रेलवे मंडलों को प्रशिक्षण में एकरुपता की सलाह दी गई है।
एक दिवसीय गहन काउंसलिंग करें
रेलवे बोर्ड ने सुझाव दिया है कि मुख्य लोको निरीक्षक (सीएलआई) स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के संबंध में लोको पायलटों और उनके सहायकों की हर छह महीने में एक दिवसीय गहन काउंसलिंग करें। इसके बाद बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ योग्यता की परीक्षा लें।
गलतियों पर एनिमेटेड वीडियो बनाने पर दिया जोर
रेलवे सूत्रों का कहना है कि बोर्ड के अनुसार काउंसलिंग के दौरान स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र में कार्य करने की प्रणाली, चालक दल द्वारा आमतौर पर की जाने वाली गलितियों पर एनिमेटेड वीडियो बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए।
अब दो दिवसीय होंगे प्रशिक्षण
रेलवे बोर्ड ने यह निर्देश दिया है कि जब भी नए स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र की शुरुआत के लिए सूचना प्राप्त होगी, तो सीएलआइ सभी लोको पायलटों (एलपी) और सहायक लोको पायलटों (एएलपी) का दो दिवसीय प्रशिक्षण आय़ोजित करेगा और स्वचालित अनुभाग में काम करने के लिए योग्यता प्रमाण पत्र जारी करेगा।
हर दो महीने में एलपी/एएलपी की करें काउंसलिंग
नए स्वचालित क्षेत्र के चालू होने के बाद शुरुआत के पहले वर्ष में हर दो महीने में सभी एलपी/एएलपी की काउंसलिंग सुनिश्चित करें। उसके बाद हर महीने में काउंसलिंग हो। बोर्ड ने क्षेत्रीय रेलवे प्रशिक्षण संस्थान (जेडआरटीआइ) में सीएलआइ के लिए हर तीन साल में तीन दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आय़ोजित करने की भी सिफारिश की है।