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Railway News: रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम ने शुरु की मॉनीटरिंग, ड्राइवरों में मचा हड़कंप

Railway News: झाँसी रेल मंडल में फिर से चुनिंदा रेलवे चालकों की ड्यूटियां पुराने ढर्रे पर शुरु हो गई है

B.K Kushwaha
Published on: 13 March 2024 9:01 AM GMT
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Railway News: झाँसी रेल मंडल में चुनिंदा मेल ड्राइवर ऐश की नौकरी कर रहे हैं क्योंकि उनके भी शरणदाता है। प्रयागराज में बैठे शरणदाता जो चाहे, वह मंडल में तैनात अफसरों पर अपना हुक्म चला रहे हैं, जबकि प्रयागराज में बैठे इन अफसर को यह तक पता नहीं है कि जिसका हम सपोर्ट कर रहे है उस मेल ड्राइवर ने कभी ट्रेन चलाई है या नहीं?। इस प्रकार के मेल ड्राइवरों का ट्रेन चलाने का अगर रिकॉर्ड देखा जाए तो उनमें खुलासा हो जाएगा। इसकी सूचना रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम को दी गई है। इस टीम ने अपनी मॉनीटरिंग करना शुरु कर दी है। इसको लेकर झाँसी, प्रयागराज और आगरा रेलवे मंडल के मेल ड्राइवरों में हड़कंप मचा हुआ है।

झाँसी रेल मंडल में फिर से चुनिंदा रेलवे चालकों की ड्यूटियां पुराने ढर्रे पर शुरु हो गई है। इसकी जानकारी यहां पदस्थ रेलवे के वरिष्ठ रेलवे अफसरों को अच्छी तरह से हैं मगर ऊपर बैठे बड़े अफसरों के चक्कर में यहां पदस्थ रेलवे अफसरों को अपनी मुंह की खानी पड़ रही हैं। मुख्यालय में बैठे अफसर अपनी जु हजूरी करने वाले मेल ड्राइवर को खुलेआम सपोर्ट कर रहे हैं क्योंकि ऐसे मेल ड्राइवर है जो मुख्यालय से आने वाले अफसर की बीबी की गुलामी करते हैं।रेलवे सूत्रों का कहना है कि एक मेल ड्राइवर ऐसे है जो केवल कंट्रोल में ड्यूटी करता है। इसका रिकॉर्ड लगातार बिगड़ता जा रहा है। इस तरह के मेल ड्राइवर के चक्कर में दूसरे मेल ड्राइवर भी फायदा उठा रहे हैं। बताते हैं कि पीसीईई के शरण में ड्यूटी करने वाले मेल ड्राइवर का कारनामा आए दिन खुलता नजर आता है।

यह है रिकॉर्ड

14 जनवरी 2024 को उक्त मेल ड्राइव कानपुर रिफ्रेशर कोर्स करके लौटा है। दो दिन गायब रहा। 17 से लेकर 31 जनवरी तक अनुपस्थित रहा। 1 फरवरी को उसको रेस्ट दिया गया। 3 व 4 फरवरी को फिर गायब रहा। 5 व 6 फरवरी को मेडिकल पर रहा। 7 फरवरी को रेस्ट पर चला गया। 8 व 9 फरवरी को सीएल छुट्टी दी गई। 10 से 13 फरवरी तक बीपीएल लर्निंग रही। इसी बीच उस मेल ड्राइवर का शऱणदाता अफसर झाँसी आ गया। वह अफसर एक रेस्ट हाउस में रुका था। यहां जाकर मेल ड्राइवर ने अफसर व उसकी बीबी की गुलामी की। इसी बीच शरणदाता ने मेल ड्राइवर के सीनियर अफसर को फोन किया और फटकार लगाई थी। कहा था कि यह मेरा चेला है। इसे ड्यूटी यहीं करने दो। हालांकि झाँसी के अफसर ने गुलामी करने से मना किया तो कहा कि मैं मुख्यालय में बैठा हूं, कुछ भी बिगाड़ सकता हूं। यह बात सुनते ही वह अफसर शांत हो गया। आनन-फानन में उक्त मेल ड्राइवर की 14 फरवरी को टीएलसी रिकार्डर के पद पर तैनात कर दिया गया।

34 साल के रिकार्ड की होनी चाहिए जांच

रेलवे सूत्रों का कहना है कि इस मेल ड्राइवर को नौकरी करते हुए 34 साल हो गए हैं। इस मेल ड्राइवर ने लाइन पर काम नहीं किया है। केवल 10 प्रतिशत ही ट्रेन चलाई हैं। रिकार्ड देखने से सब कुछ उजागर हो जाएगा।

Shalini singh

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