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Jhansi News:रैन बसेरे में शराबी बने सिरदर्द, रखो तो मुसीबत, बाहर निकालो तो मुसीबत
Jhansi News: शराबी रात भर शोर मचाकर रैन बसेरा की शांति भंग करते हैं। ऐसे में रैन बसेरा का स्टाफ चाहकर भी इन्हें बाहर नहीं निकाल पाते हैं।
Jhansi News: नगर निगम द्वारा संचालित रैन बसेरे किसी भी गेस्ट हाउस से कम नहीं हैं, लेकिन इनके केयर टेकर व स्टाफ शराबियों और झगड़ालू लोगों से बहुत परेशान है। अक्सर शराबी और आवारा किस्म के लोग कड़ाके की ठंड में शराब पीकर यहां ठहरने आ जाते हैं, इन्हें यदि बाहर निकाला जाता है तो अधिकारियों द्वारा इन्हें सड़क पर सोते देख कार्रवाई का डर । यदि बाहर नहीं निकालते हैं तो रैन बसेरा का माहौल खराब हो जाता है। रैन बसेरों में अक्सर रात के समय शराबियों का शोर शराबा ज्यादा सुनाई पड़ता है।
नगर निगम ने निराश्रित लोगों को रात के समय ठंड से बचाव को ठहरने के लिए रैन बसेरा बनाए गए हैं। कुछ रैन बसेरा तो सौ बैड की क्षमता वाले हैं। सर्दी के दिनों में अक्सर इनमें बहुत ज्यादा भीड़ उमड़ती है, जिसमें अक्सर दस बारह शराबी भी होते हैं। यह शराबी रात भर शोर मचाकर रैन बसेरा की शांति भंग करते हैं। ऐसे में रैन बसेरा का स्टाफ चाहकर भी इन्हें बाहर नहीं निकाल पाते हैं। इसकी वजह है कि प्रशासन का आदेश हैं कि कोई भी व्यक्ति रात के समय खुले में नहीं सोएगा। शराबी अक्सर प्रशासन की इस बात का फायदा उठाते हैं।
रैन बसेरा में तीन दिन तक ठहरने का प्रावधान
एक रैन बेसेरा के केयरटेकर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रैन बसेरा में ज्यादा से ज्यादा तीन दिन तक ठहरने का प्रावधान है। लेकिन समीपवर्ती मुहल्लों में रहने वाले शराबी और अन्य दुर्व्यसन करने वाले लोग रैन बसेरा को रोज अपना ठिकाना बनाने लगे हैं। वह रैन बसेरों को सुरक्षित स्थान समझने लगे हैं। यह लोग रात के समय यहां बेधड़क पहुंच जाते हैं और अपने शौक फरमाने के बाद रुकने की बात करते हैं। वहीं दूसरे शहरों से इलाज या मजदूरी करने को आने वाले गरीब लोग जिनके पास रहने का ठिकाना नहीं होता है, वह लोग काम मिलने तक रुकने का आग्रह करते हैं। उनकी मजबूरी को देखते हुए रुकने दिया जाता है। रैन बसेरा कर्मचारी का कहना है कि यदि शराबियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए तो रैन बसेरा निराश्रित लोगों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान साबित हो सकते हैं।
महानगर के सात स्थानों पर रैन बसेरा बनाए गए हैं, जिनमें मेडिकल कालेज पिछोर डडियापुरा जिसकी क्षमता सौ बैड, नंदनपुरा लहरगिर्द जिसकी क्षमता सौ बैड, मेडिकल कॉलेज के सामने जिसकी क्षमता सौ बैड, पॉलिटेक्निक निकट आईटीआई जिसकी क्षमता सौ बैड, बस स्टैंड जिसकी क्षमता 40 बैड, शिवाजी नगर जिसकी क्षमता 25 बैड और कृष्णा एंक्लेव जिसकी क्षमता 25 बैड है।