Jhansi News: फसलों की वैज्ञानिक तकनीकों से तैयार किए गुणवत्तायुक्त बीज, कृषि विश्वविद्यालय की हुई सराहना

Jhansi News: कृषि वैज्ञानिक डॉ. अंशुमान सिंह ने बताया कि इसमें चना का 700 कुंतल, मटर का 135 कुंतल, मसूर का 260 कुंतल तथा जायद 2024 में मूंग का 220 कुंतल बीज उत्पादन विश्वविद्यालय के प्रयासों द्वारा किया गया है।

Gaurav kushwaha
Published on: 21 Sep 2024 10:39 AM GMT (Updated on: 21 Sep 2024 10:54 AM GMT)
Officials of Rani Lakshmi Bai Central Agricultural University conducted a field visit of pulses and horticultural crops
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 रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने किया दलहनी एवं बागवानी फसलों का प्रक्षेत्र भ्रमण: Photo- Newstrack

Jhansi News: उत्तर प्रदेश के जनपद झाँसी के बुन्देलखंड में दलहनी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी ने सीड हब (दलहन) परियोजना के अंतर्गत रबी 2023 - 24 में दलहनी फसलों की उन्नतशील किस्मों का लगभग 1300 कुंतल बीज उत्पादित किया है।


कृषि वैज्ञानिक डॉ. अंशुमान सिंह ने बताया कि इसमें चना का 700 कुंतल, मटर का 135 कुंतल, मसूर का 260 कुंतल तथा जायद 2024 में मूंग का 220 कुंतल बीज उत्पादन विश्वविद्यालय के प्रयासों द्वारा किया गया है।


भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के सहायक महानिदेशक, (बागवानी) डॉ. सुधाकर पांण्डेय, कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एसएस सिंह, निदेशक अनुसंधान, डॉ. एस.के. चतुर्वेदी, प्रभारी बीज उत्पादन डॉ. योगेश्वर सिंह ने विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया।


वैज्ञानिक तकनीकों से तैयार बीज

इस दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली सहायक महानिदेशक, बागवानी डॉ. सुधाकर पांण्डे ने विवि प्रक्षेत्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि बागवानी एवं अन्य फसलों की वैज्ञानिक तकनीकों से तैयार की हैं। डॉ. पाण्डेय ने बुंदेलखण्ड क्षेत्र के किसानों को सब्जियां एवं फूलों आदि के गुणवत्तायुक्त बीजों को उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की। कुलपति सहित अन्य अधिकारियों ने दलहनी फसलों के अधिक उत्पादन एवं किसानों को उन्नतशील प्रजाति के बीज उपलब्ध कराने के विश्वविद्यालय के प्रतिबद्धता की बात कही।

Shashi kant gautam

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