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Jhansi: चूहों से सावधान, जानवरों के जरिए MP बॉर्डर से दस्तक दे सकता है रैट फीवर

Jhansi: यूपी-एमपी बॉर्डर पर तेजी से फैल रही इस बीमारी के चलते स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। अस्पतालों में इसके उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।

B.K Kushwaha
Published on: 9 April 2024 10:28 AM GMT
Rat fever is spreading in Datia of Jhansi through rats
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चूहों से के जरिए झांसी के दतिया में फ़ैल रहा है रैट फीवर: Photo- Social Media

Jhansi News: झांसी जिले से सटे दतिया में एक अजीबो गरीब बीमारी चर्चाओं में है, जानवरों से फैल रही इस बीमारी के कारण कई लोग अस्पताल पहुंच चुके हैं। इस बीमारी का नाम 'लैप्टोस्पिरोसिस' है, पर इसे 'रैट फीवर' के नाम से भी जाना जाता है।

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

यूपी-एमपी बॉर्डर पर तेजी से फैल रही इस बीमारी के चलते स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। अस्पतालों में इसके उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह बीमारी पालतू जानवरों से भी फैलती है, इसलिए सावधान रहना आवश्यक है। सबसे ज्यादा खतरा चूहों से होता है, क्योंकि चूहे खाने को प्रदूषित कर सकते हैं। ऐसे में घरों से चूहों को हटाने की व्यवस्था करनी चाहिए, साथ ही खाद्य पदार्थों को हमेशा ढककर रखना जरूरी है।

गंभीर बीमारियों का बनता है कारण

यूपी-एमपी बॉर्डर स्थित दतिया व चिरूला में इसके कई मामले सामने आने से वहां एडवाइजरी जारी कर दी गई है, तो झांसी में भी इसकी दस्तक होने से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में इस बीमारी के लक्षण वाले रोगियों की अब अलग से जांच की जाएगी। जिला अस्पताल में इसका समुचित उपचार का प्रबंध करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिये गये हैं, तो मेडिकल कॉलेज में भी इसकी जांच कराने की व्यवस्था की जा रही है।

ये हैं लक्षण

रैट फीवर संक्रमण की चपेट में आए मरीज को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीलिया, त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं। अगर जल्दी इन लक्षणों में आराम न मिले तो रैट फीवर की जांच करानी चाहिए।

ऐसे करें बचाव

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि "चूंकि यह बीमारी संक्रमण के कारण होती है, इसलिए पानी को उबालकर पिएं। खाद्य पदार्थों को ढककर रखें। घरों से चूहों को हटाने का प्रयास करें। पानी और मिट्टी में जूते पहनकर ही जाएं। रैट फीवर जानवरों के जरिए संक्रमण फैलने से होता है। इसके बचाव के लिए सावधानी बरतें। इसके उपचार के लिए अस्पतालों को समुचित प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं।

Shashi kant gautam

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