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Jhansi News: तस्करों ने बदला अपने ट्रेंड, अब करने लगे खरगोश की तस्करी
Jhansi News: ट्रेनों में जंगली जानवरों व पक्षियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाया जा सकता। इसके लिए मुख्य वन प्राणी संरक्षक अथवा जिला पशु पालन अधिकारी से अनुमति पत्र लेना होगा।
Jhansi News: खुफिया एजेंसी के खौफ के चलते तस्करों ने अपना ट्रेंड ही बदल दिया है। अब शराब, चांदी, सोना, गांजा की तस्करी बंद करके इन लोगों ने खरगोश की तस्करी करना शुरु कर दी है। ऐसा ही मामला दुरंतो एक्सप्रेस में प्रकाश में आया है। आरपीएफ और खुफिया एजेंसी ने दुरंतो एक्सप्रेस से तीन कार्टूनों को बरामद किया है। इन कार्टूनों से छह खरगोश बरामद किए गए, मगर तस्करों का पता नहीं चला है। गाड़ी नंबर 12286 हजरत निजामुद्दीन - यशवंतपुर दुरंतो एक्सप्रेस निजामुद्दीन से चलकर यशवंपुर जा रही थी। इसी ट्रेन के कोच बी / 01 में ट्रेन एस्कॉर्ट में मुख्य आरक्षी उपेंद्र यादव तैनात था। एस्कॉर्ट में तैनात उपेंद्र यादव ने मंडल सुरक्षा नियंक्षण कक्ष को सूचना दी कि बी/-01 में तीन लावारिस कार्टून रखे हैं। इनके अंदर खरगोश है।
इस सूचना पर रेल सुरक्षा बल स्टेशन पोस्ट प्रभारी रविन्द्र कुमार कौशिक, क्राइम विंग निरीक्षक शिप्रा के निर्देशन में उप निरीक्षक जितेंद्र सिंह यादव व क्राईम विंग से सहायक उप निरीक्षक नवीन कुमार मय स्टाफ के साथ वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंचे। यहां उन्होंने गाड़ी को अटेंड किया। इसके बाद उक्त कोच में रखे छह कश्मीरी खरगोशों को ट्रेन से सुरक्षित उतरवाकर थाना पर लाया गया। एस्कॉर्ट पार्टी में प्रधान आरक्षक उपेंद्र कुमार यादव ने बताया कि कोच संख्या बी-1 में तीन गत्ते के कार्टून में छह अदद खरगोश के संबंध में उक्त कोच व गाडी में पूछताछ की गई, परन्तु किसी भी यात्री/व्यक्ति ने शिनाख्त नहीं की। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना के आधार पर वनरक्षक मनोज श्रीवास आरपीएफ थाना पहुंचे। यहां उनको छह खरगोशों को सुपुर्द कर दिया।
ट्रेन में नहीं ले जा सकते जानवर व पक्षी
ट्रेनों में जंगली जानवरों व पक्षियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाया जा सकता। इसके लिए मुख्य वन प्राणी संरक्षक अथवा जिला पशु पालन अधिकारी से अनुमति पत्र लेना होगा। भारतीय रेलवे जनरल मैनेजर, कामर्शियल की ओर से जारी गाइड लाइन के मुताबिक खरगोश व चूहे समेत अन्य जंगली जानवरों पक्षियों को ट्रेन में ले जाने के लिए मुख्य वन्य प्राणी संरक्षक अथवा जिला पशु पालन अधिकारी का अनुमति पत्र संबंधित रेलवे स्टेशन के असिस्टेंट कॉमर्शियल मैनेजर, चीफ पार्सल ऑफिसर व चीफ गुड्स क्लर्क के पास जमा करना होगा। बिना अनुमति पत्र के इन्हें नहीं ले जाया जा सकेगा।
इन अधिनियमों के तहत होगी कार्रवाई
ये तस्करी का मामला है और गैरकानूनी है। यदि आप भी अपने घर में तोता, कबूतर, खरगोश आदि को कार्टूनों में रखते हैं तो भी कार्रवाई हो सकती है। वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 49 और 51 के तहत कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत बंदर, भालू सांप का करतब दिखाना भी गैरकानूनी है।