TRENDING TAGS :
Jhansi: गर्मियों में सब्जियों की इस तरह करें देखभाल, फसल के साथ आमदनी में होगा इजाफा
Jhansi: डॉ. अर्जुन लाल ओला एवं डॉ. गौरव शर्मा ने विभिन्न सब्जियों के बारे में बताया कि कद्दूवर्गीय फसलों में 4-5 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करें, तथा आवश्यकतानुसार यूरिया की टॉप ड्रेसिंग कर दें।
Jhansi News: रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के सब्जी वैज्ञानिकों ने गर्मियों में सब्जियों की देखभाल की सलाह दी हैं। डॉ. अर्जुन लाल ओला एवं डॉ. गौरव शर्मा ने विभिन्न सब्जियों के बारे में बताया कि कद्दूवर्गीय फसलों में 4-5 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करें, तथा आवश्यकतानुसार यूरिया की टॉप ड्रेसिंग कर दें। ध्यान रखें कि यूरिया पत्तियों पर न गिरे अन्यथा फसल जल जायेगी।
भिण्डी की फसल में फल की तुड़ाई प्रत्येक तीसरे दिन करें
भिण्डी की फसल में नत्रजन प्रति हेक्टेयर 35-40 कि.ग्रा. मात्रा (76-87 कि.ग्रा. यूरिया) की पहली टॉप ड्रेसिंग बुआई के 30 दिन बाद व शेष एक तिहाई 35-40 किग्रा नत्रजन (76-87 किग्रा यूरिया) की दूसरी टॉप ड्रेसिंग बुआई के 45-50 दिन बाद करें। भिण्डी की फसल में फल की तुड़ाई प्रत्येक तीसरे दिन करें अन्यथा तुड़ाई नियमित न करने पर भिण्डी काफी बड़े हो जाते हैं तथा इसकी कम संख्या के साथ गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।
बैगन की रोपाई 75 से 90 सेमी लाइन से लाइन करे
लहसुन व प्याज की खुदाई करें तथा इसकी खुदाई के 10-12 दिन पूर्व सिंचाई बन्द कर दें। ग्रीष्मकालीन बैगन में रोपाई के 30 दिन बाद प्रति हेक्टेयर 50 कि.ग्रा. नत्रजन (108 किग्रा यूरिया) की पहली टॉप ड्रेसिंग व इतनी ही मात्रा की दूसरी टॉप ड्रेसिंग रोपाई के 45 दिन बाद करें। वर्षाकालीन बैगन की नर्सरी यदि तैयार है तो उसकी रोपाई 75 से 90 सेमी लाइन से लाइन और 60 सेमी. पौध से पौध की दूरी पर शाम को करें तथा तुरन्त बाद हल्की सिंचाई कर दें।वर्षाकालीन बैगन की फसलों के लिए नर्सरी में बीज की बुआई इस माह में भी कर सकते हैं।
कीट से बचाव के लिए नीम गिरी 4 प्रतिशत का छिड़काव करे
टमाटर की फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें। फलों में छेद करने वाले कीट से बचाने के लिए फलों को तोड़ने के बाद मैलाथियान 0.1 प्रतिशत का छिड़काव करें। छिड़काव के 3-4 दिन बाद तक फलों की तुडाई न करें। बैगन में तनाछेदक कीट से बचाव के लिए नीम गिरी 4 प्रतिशत का छिड़काव 10 दिन के अन्तराल पर करने से अच्छा परिणाम मिलता है। कार्बनोसल्फान 20 ई.सी. 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिन के अन्तराल पर छिड़काव करें।
चैलाई के लिए कितनी मात्रा में डाले कम्पोस्ट देखे
चैलाई के लिए पूसा किर्ती व पूसा किरण किस्मों व मूली की पूसा चेतकी किस्म की बुआई अप्रैल में कर सकते हैं। बुवाई के लिए कतार से कतार की दूरी 30 सेमी तथा पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी रखते हुए 1-1.5 सेमी गहराई पर लगाएं। बुवाई से पूर्व 10 टन कम्पोस्ट, 80-100 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 50 किग्रा फास्फोरस तथा 80-100 कि.ग्रा. पोटास प्रति हे. की दर से डालें। 8-10 कि.ग्रा. बीजों को 45 से.मी. दूरी पर लाइन में लगाएं तथा बुआई से पूर्व 10 टन कम्पोस्ट (सड़ा खाद), 50 कि.ग्रा. नत्रजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस तथा 60 कि.ग्रा. पोटास प्रति हे. की दर से डालें। इनकी फलियाँ सब्जी के लिए जून में तैयार हो जाती हैं ।