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Jhansi News: अदालत को गुमराह कर दुष्कर्म के आरोपी को राहत पहुंचाने के प्रयास में शिक्षक निलंबित
Jhansi News: न्यायालय को गुमराह कर फर्जी आगंतुक रजिस्टर पेश करने वाले प्रधानाध्यापक को शिक्षा विभाग ने न्यायालय द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करने पर निलंबित कर उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है।
Jhansi News (Image From Social Media)
Jhansi News: नाबालिग बालिका का स्कूल से आते समय अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपी को राहत पहुंचाने का प्रयास कर न्यायालय को गुमराह कर फर्जी आगंतुक रजिस्टर पेश करने वाले प्रधानाध्यापक को शिक्षा विभाग ने न्यायालय द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करने पर निलंबित कर उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है।
न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायधीश पोस्को एक्ट मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी की अदालत ने पिछले माह नाबालिग छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोप में आरोपी को सजा सुनाई थी। इस दौरान मुकदमा ट्रायल के दौरान आरोपी ने खुद को बेगुनाह बताते हुए पक्ष रखकर कहा था कि पीड़िता झूठा बयान दिया है, वह उस दिन स्कूल नहीं गई। इसके साथ ही आरोपी की ओर से बंगरा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज नगरिया ने स्कूल का हाजिरी रजिस्टर न्यायालय में पेश करते हुए बताया था कि उस दिन पीड़िता स्कूल आई ही नहीं थी। इस पर अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक ने आरोपी ओर प्रधानाध्यक पर संदेह जताते हुए आपत्ति दर्ज कराई ओर उस रजिस्टर की जांच कराई जिसमें वह रजिस्टर फर्जी साबित हुआ। मामला संज्ञान में आते ही न्यायालय ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए आरोपी को बीस वर्ष की सजा ओर जुर्माना से दंडित करते हुए प्रधानाध्यापक मनोज नगरिया के खिलाफ विभागीय जांच ओर कार्रवाई के लिए बीएसए को निर्देशित करते हुए आख्या तलब की थी। बीएसए ने न्यायालय को आख्या उपलब्ध कराते हुए बताया कि प्रधानाध्यपक मनोज नगरिया को निलंबित करते हुए गुरसराय खंड शिक्षा अधिकारी को विभागीय जांच करने के निर्देश दिए है।
फर्जी बलात्कार प्रकरणः गैर जमानती वारंट जारी
झांसी। उच्च न्यायालय ने आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर गैर जमानती वारंट जारी किया है। वहीं बलात्कार और पॉस्को एक्ट का फर्जी मुकदमा दर्ज करवाने का नेटवर्क झांसी से चल रहा था। इस मामले में पुलिस को दस्तावेज हाथ लगे हैं। इस आधार पर पुलिस ने आरोपियों व नेटवर्क में फंसे लोगों के मोबाइल फोनों की कॉल डिटेल निकालना शुरु कर दी। इस कारण फर्जी मुकदमा दर्ज करवाने लोग भूमिगत हो गए है।
मालूम हो कि जालौन में सपा नेता उमाशंकर यादव आदि के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मुकदमे को उच्च न्यायालय के आदेश पर खारिज कर वादी आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इस मामले की विवेचना सीओ कालपी द्वारा की जा रही थी। विवेचना में कई तथ्य सामने आए हैं। उच्च न्यायालय के आदेश से पुलिस को काफी परेशान झेलनी पड़ रही हैं क्योंकि जिस युवती ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया था। उस युवती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में नवीन विश्वकर्मा भी जेल में निरुद्ध है। वहीं, अदालत ने मंजू विश्वकर्मा, योगी प्रेमानी और देवेश कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसके पहले कालपी ने पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश दी थी मगर सफलता हासिल नहीं हुई थी।
वहीं, पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। इसमें पता चला है कि झांसी में बैठकर कुछ लोग एक गैंग चला रहे हैं। इनमें जमीन के मामले में समझौता न करने पर फर्जी तरीके से बलात्कार व पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत करवाए गए हैं। इनमें गाजियाबाद, मेरठ, आगरा के लोग शामिल है। इस गैंग में अभी तक तीस से अधिक मुकदमा पंजीकृत कराए हैं। इस मामले को शासन के संज्ञान में लाया गया। इसके अलावा प्रदेश के पुलिस प्रमुख को अवगत कराया गया है।