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Jhansi News: नारी शक्ति के हाथों में ट्रेनों की कमान, दिखाया दम, किसी से नहीं है कम
Jhansi News: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर शुक्रवार को रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की प्रमुख जिम्मेदारी महिला रेलकर्मियों के हाथ होगी। महिलाएं न सिर्फ ट्रेन चलाएंगी बल्कि कंट्रोल भी करेंगी।
Jhansi News: देश में महिलाएं आज हर क्षेत्र में कई नए मुकाम हासिल कर रही हैँ। महिलाओं का देश की तरक्की में योगदान दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रही हैं। दुनियाभर में आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (international women's day) मनाया जाएगा। वहीं, इसी मौके पर हम बात करने जा रहे हैं कुछ महिला लोको पायलटों की। इन महिलाओं ने अपने सपनों को साकार करने के साथ ही दुनिया में महिलाओं के आगे मिसाल पेश की है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर शुक्रवार को रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की प्रमुख जिम्मेदारी महिला रेलकर्मियों के हाथ होगी। महिलाएं न सिर्फ ट्रेन चलाएंगी बल्कि कंट्रोल भी करेंगी। सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता तो करेंगी ही, टिकट जांच में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
यह सफर सम्मान और सशक्तिकरण से भरा हुआ हैः सृष्टि साहू
झाँसी में वरिष्ठ सहायक लोको पायलट (assistant loco pilot) सृष्टि साहू ने कहा कि भारतीय रेलवे की सेवाओं को नमन करना चाहती हूं, जिसने उसे एक महिला लोको पायलट के रुप में कार्य करने का गौरवपूर्ण अवसर प्रदान किया है। यह एक ऐसा कदम है जिसकी मैं सराहना करती हूं क्योंकि यह न केवल लैंगिक समानता की दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं, बल्कि यह युवा महिलाओं को यह दिखाने के लिए भी एक प्रेरणा है कि वे अपने सपनों को हासिल कर सकती हैं और किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती है। यह बदलाव गर्व की बात है। हर स्टेशन पर यात्रियों की नजरों में सम्मान और प्रशंसा देखना, यह बताता है कि समाज बदल रहा है। उनका कहना है कि महिला दिवस पर, मैं भारतीय रेलवे को एक महिला लोको पायलट के रुप में गर्व से कह सकती हूं कि यह सफर सम्मान और सशक्तिकरण से भरा हुआ है। इंजन को चलाना, यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाना, यह सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज को यह संदेश देने का जरिया है कि हम किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती है।
कार्य करने में मुझे आत्म-संतुष्टि महसूस होती हैः अनुपमा यादव
मालगाड़ी लोको पायलट अनुपमा यादव का कहना है कि मुझे लोको पायलट मालगाड़ी के पद पर कार्य करते हुए अत्यंत गर्व हैं। मैं भारतीय रेल का संचालन दिनरात पूर्ण लगन एवं सत्यनिष्ठा से करती हूं। भारतीय रेल एवं देश के विकास में माल ढुलाई का कार्य समय से गंतव्य पहुंचाकर सहायता करती हूं। यह मेरे लिए विशिष्ट श्रेणी के पद को दर्शाता है जिसको करके मुझे आत्म-संतुष्टि महसूस होती है। यह कार्य विशिष्ट है जिसको करके हम विशिष्ट श्रेणी के कर्मचारी कहलाते हैं।
विशिष्ट पद के कारण मुझे समाज में सम्मान भी मिलता हैः प्रतिमा पाठक
वरिष्ठ सहायक लोको पायलट प्रतिमा पाठक का कहना है कि मैं भारतीय रेल के उत्तर मध्य रेलवे के झाँसी मंडल में वरिष्ठ सहायक लोको पायलट के पद पर कार्यरत हूं। मैं वर्ष 2013 से इस विशिष्ट श्रेणी के पद पर चयनित होकर दस साल के कार्यकाल को सत्यनिष्ठा के साथ पूर्ण कर रही हूं। इस महत्वपूर्ण कार्य को दिन-रात करते हुए कार्य क्षेत्र और पारिवारिक जिम्मेदारियों का निष्ठापूर्ण सांमजस्य से संवहन कर रही हूं। महिला लोको पायलट के इस विशिष्ट पद के कारण मुझे समाज में सम्मान भी मिलता है जबक मैं यात्रियों से भरी गाड़ी का चार्ज लेती हूं और उनको समय से गंतव्य तक पहुंचाती हूं, तब मुझे अत्यंत प्रसन्नता होती हैं। इस प्रकार में देश की प्रगति में भी सहयोग कर रही हूं।
लोगों को उनके पर्व और समारोह मनवाकर अत्यंत खुशी महसूस होतीः ज्योति राजपूत
वरिष्ठ सहायक लोको पायलट ज्योति राजपूत का कहना है कि वह भारतीय रेल में वर्ष 2016 से कार्यरत हूं और अब मुझे इस बात का अनुभव हुआ है कि यह कार्य देश सेवा के कितने बड़े कार्य से जुड़ी हूं। मालगाड़ी एवं सवारी गाड़ियों को सही सलामत गंतव्य पर पहुंचाकर देश की प्रगति में सहायक बनने पर गर्व स्वयं दिन-रात जागकर, अपने पर्वों और समारोहों को छोड़कर, देश के लोगों को उनके पर्व और समारोह मनवाकर अत्यंत खुशी महसूस होती है।
रेल का संचालन अपने लगन व कर्तव्य के साथ करती हूंः निर्मला शाक्या
सहायक लोको पायलट निर्मला शाक्या का कहना है कि वह भारतीय रेल का संचालन अपनी लगन व कर्तव्य के साथ करती हूं। जिससे किसी रेल सेवा संरक्षा, सुरक्षा एवं समयपालन के साथ कर सकूं। मैं अपनी रेल सेवा के कार्य करने में बहुत खुशी महसूस करती हूं क्योंकि यह विशिष्ट श्रेणी का कार्य है।