Jhansi News: जैविक खेती को देना था बढ़ावा, दे दिया रासायनिक उर्वरकों का लक्ष्य

Jhansi News: खरीफ वर्ष 2024-25 के लिए विभिन्न रासायिक खादों का कुल लक्ष्य 32100 मीट्रिक टन निर्धारितबुवाई से पहले ही इन खादों का हो चुका 1209 मीट्रिक टन वितरण

Gaurav kushwaha
Published on: 24 Jun 2024 6:37 AM GMT
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Jhansi News: सरकार जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग के माध्यम से विभिन्न योजनाएं चला रही है। इस साल भी खरीफ सीजन में रासायनिक उर्वरकों का 32100 मीट्रिक टन लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया। मजे की बात तो यह है कि खरीफ की विभिन्न फसलों की बुवाई अभी पूरी तरह से चालू भी नहीं हुई जबकि लक्ष्य के सापेक्ष 1209 मीट्रिक टन रासायनिक खादों का वितरण भी हो चुका है। ऐसे में किसानों की प्राकृतिक खेती के प्रति अविश्वास और रासायनिक खादों के प्रति मोह जाहिर हो रहा है।


खरीफ सीजन के लिए रासायनिक उर्वरकों के निर्धारित लक्ष्य में यूरिया 1430 मीट्रिक टन, डीएपी 11790 मीट्रिक टन, एमओपी 250 मीट्रिक टन, एनपीके 2700 मीट्रिक टन एवं एसएसपी 3000 मीट्रिक टन है। इसके सापेक्ष 15 जून तक यूरिया की 780 मीट्रिक टन, डीएपी 284 मीट्रिक टन, एसओपी 1 मीट्रिक टन और एसएसपी 142 मीट्रिक टन यानि कुल 1209 मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया जा चुका है। दरअसल, रासायनिक उर्वरकों पर इतनी ज्यादा सब्सिडी है कि बीते वर्षों में रासायनिक उर्वरकों के गोदामों पर किसानों की उमड़ी बेकाबू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी। स्थिति यह थी कि यूरिया और डीएपी लेने के लिए रात को ही गोदाम के बाहर किसानों की लाइन लग जाती थीं। इन स्थितियों को देखने के बाद भी सरकार ने प्राकृतिक खेती में लाभार्थी किसान को रासायनिक उर्वरकों की तुलना में अधिक लाभ देना था। ऐसा करने से किसान की आय तो बढ़ती साथ ही भूमि बंजर होने और भूमिगत जल नीचे जाने से बच जाता।

भरपूर है सब्सिडी

यूरिया की एक बोरी जिसकी कीमत 266.50 रुपए है जिसपर 2183.50 रुपए की सब्सिडी है। जबकि इसी बोरी की अंतर्राष्टीय बाजार में कीमत 2450 रुपए है।वहीं डीएपी की बोरी 1350 रुपए की है, जिसपर 2501 की सब्सिडी है। इसी बोरी की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत 4073 रुपए है। वहीं एनपीके की प्रति बोरी 1470 रुपए है जिस पर सब्सिडी 1918 रुपए है। इस बोरी की अंतर्राष्टीय बाजार में कीमत 3291 रुपए है।

Shalini Rai

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