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Jhansi News: धोखाधड़ी के आरोप में तीन जिला समाज कल्याण अधिकारी पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश, जानें पूरा मामला
Jhansi News: मामले में संबंधित अफसरों को शिकायती पत्र देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की मगर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। अदालत ने सुनवाई के दौरान सीपरी बाजार थाना प्रभारी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
Jhansi News: विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम) ने अनुसूचित जाति के पीड़ितों को क्षति की आर्थिक हानि पहुंचाने के मामले में तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी झांसी, तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी व कार्यालय लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
ये है पूरा मामला
कोतवाली थाना क्षेत्र के नालन्दा ओम गार्डन कालोनी में रहने वाले अधिवक्ता संतोष कुमार दोहरे ने विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम) ने प्रार्थना पत्र देते हुए बताया है कि नवाबाद थाना में धारा 500, 504, 506, एससी/एसटी एक्ट, नवाबाद थाना में धारा 420,467,468,469,471, एससी/एसटी एक्ट व कोतवाली थाना में दर्ज धारा 506, एससी/एसटी एक्ट व 67 आईटीएक्ट का पीड़ित है। तीनों अभियोगों में विवेचक सीओ नगर ने विवेचना उपरान्त अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित करने के साथ एससी एसटी एक्ट के नियम के तहत पीड़ितों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित राहत राशि का भुगतान करने के लिए प्रस्ताव उचित माध्यम से जिला समाज कल्याण अधिकारी को प्रेषित किए थे।
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तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह, विपिन कुमार एवं उनके संबंधित लिपिकों ने विधि विरुद्ध साजिश कर पीड़ितों को आर्थिक क्षति कारित करने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा भेजे गए प्रस्ताव की धनराशि को स्वतः बिना किसी अधिकार के आधा/ एक चौथाई कम कर अशुद्ध दस्तावेज बेईमानी से रचकर मूल्यवान प्रतिभूति को अनुसूचित जाति के पीड़ितों को क्षति तथा संपत्ति के नुकसान की गरज से परिवर्तित कर अपने कर्तव्यों की उपेक्षा कर आर्थिक हानि पहुंचाई है। इस बारे में संबंधित अधिकारी को कई बार पत्र लिखकर विधि विरुद्ध तरीके से रोकी गई राहित राशि का भुगतान पीड़ितों को करने की प्रार्थना की परन्तु उन्होंने अपने कर्तव्यों की उपेक्षा कर रोकी गई धनराशि का भुगतान नहीं किया।
आरोप है कि अफसरों व उनके लिपिकों ने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए आपराधिक न्यास भंग कर उसके द्वारा भेजे गए दस्तावेजों की नकल शुल्क सौ रुपये का पोस्टल ऑर्डर हड़प कर लिया। इन्होंने आपस में साजिश कर उसको उक्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए ताकि भ्रष्टाचार, गैर कानूनी मनमानी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई न कर संकू। बाद में उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं जिला मजिस्ट्रेट झांसी को नियमानुसार शेष राहत राशि के आदेश पारित किए। इस मामले में संबंधित अफसरों को शिकायती पत्र देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की मगर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। अदालत ने सुनवाई के दौरान सीपरी बाजार थाना प्रभारी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।