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Jhansi News: तीन कैदी पुलिस वाहन से कूद कर फरार, मचा हड़कंप
Jhansi News: मोबाइल व सूटकेस चोरी के आरोप में शैलेंद्र, गया प्रसाद व ब्रिजेन्द जिला जेल में बंद थे। कोर्ट में पेश होने के लिए लाए गए थे।
Jhansi News: पुलिस विभाग में उस समय हड़कंप मच गया जब तीन कैदी पुसिल वाहन से कूद कर भाग गए। मोबाइल व सूटकेस चोरी के आरोप में शैलेंद्र, गया प्रसाद व ब्रिजेन्द जिला जेल में बंद थे। कोर्ट में पेश होने के लिए लाए गए थे। जेल से पेशी के लिए पुलिस वाहन से सात कैदी लाए गए थे। घटना जिस समय हुई उस समय पुलिस वाहन के बाहर सुरक्षा में तैनात कर्मी खड़े थे।
घटना के बाद पुलिस विभाग में खलबली मच गई। एसएसपी राजेश एस. ने बताया कैदियों की सुरक्षा में दो सब इंस्पेक्टर, छह कांस्टेबल व दो हेडकांस्टेबल लगाए गए थे। इन सभी पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। फरार हुए कैदी मध्यप्रदेश के निवासी हैं।
जिला कारागार से कैदियों को अदालत में पेशी पर लाने वाली यूपी पुलिस की लापरवाही फिर सामने आई है। रेलवे अदालत में पेशी होने के बाद बिना किसी सुरक्षा के वाहन में बैठे तीन कैदी फरार हो गए। इस घटना की जानकारी लगते ही जीआरपी, सिविल पुलिस के अफसरों में हड़कंप मच गया। फरार हुए तीनों कैदी मध्य प्रदेश के रहने वाले बताए गए हैं। इस आधार पर झाँसी से एमपी की ओर जाने वाली सभी सीमाएं सील कर दी गईं। साथ ही बसों व ट्रेनों में सघन जांच अभियान चलाया गया। मगर देरशाम तक फरार हुए कैदियों के बारे में किसी प्रकार का सुराग हाथ नहीं लगा है। इस घटना को एसएसपी राजेश एस ने गंभीरता से लेते हुए कैदियों को लाने वाली पुलिस टीम को जमकर फटकार लगाई है।
झाँसी जिला कारागार में मध्य प्रदेश के ग्वालियर के थाना हजीरा स्थित रेशम मिल पुरानी लेन के पास रहने वाले शैलेंद्र, सागर के थाना जीमी रहली के रेहली खिमलिया निवासी गया प्रसाद अहिरवार उर्फ गुड्डा, शिवपुरी के थाना करैरा के ग्राम राजपुरा निवासी बृजेंद्र सिंह उर्फ हजरत, मोहम्मद अकरम, राजू जाटव, शैलेंन्द्र कुमार और चेतराम को झाँसी जिला कारागार से रेलवे अदालत में पेशी पर लाया गया था। इन कैदियों को झाँसी पुलिस लाइन में तैनात स्टॉफ द्वारा जेल से पेशी पर लाया गया। इन कैदियों को पुलिस के वाहन में बैठाकर वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन के पास स्थित रेलवे अदालत लाया गया था। पुलिस वाहन में बैठे कैदियों को अदालत में पेश किया जा रहा था। तारीख होने के बाद सभी को पुलिस के वाहन में बैठाने की व्यवस्था की जा रही थी।
पेशी होती रही, मौका देखकर हो गए रफू चक्कर
बताते हैं कि सबसे पहले मोहम्मद अकरम और राजू जाटव की अदालत में पेशी हो चुकी थी। इनको वाहन में बैठा दिया गया था। इसके बाद शैलेंद्र, गया प्रसाद और बृजेंद्र सिंह को रेलवे अदालत में पेशी पर लाया गया। पेशी होने के बाद तीनों को वाहन में बैठा दिया था। थोड़ी देर बाद शैलेंद्र व चेतराम को रेलवे अदालत में पेशी पर लाया गया। यह कैदी पेशी दे रहे थे, तभी बिना सुरक्षा के खड़े पुलिस वाहन से शैलेंद्र, गया प्रसाद और बृजेंद्र सिंह गाड़ी से उतरकर भागने लगे।
साहब, यह भाग रहे है....
पुलिस वाहन में बैठे अकरम और राजू जाटव ने करीब एक बजकर 15 मिनट बजे चिल्लाना शुरु किया और कहा कि साहब, तीनों युवक वाहन से उतरकर भाग रहे हैं। इन कैदियों को स्टेशन प्रांगण के पास बने मंदिर की तरफ जाते हुए देखा गए। इसके बावजूद पेड़ के नीचे मोबाइल फोन में विजी पुलिस के स्टॉफ ने एक न सुनी। जब अदालत से शैलेंद्र व चेतराम को वाहन की तरफ लाया गया, तब पुलिस के स्टॉफ को जानकारी मिली की तीन कैदी फरार हो गए। यह जानकारी मिलते ही कैदी लाने वाले स्टॉफ में हड़कंप मच गया।
भागे कैदियों को कब-कब किया था गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के थाना हजीरा स्थित रेशम मिल पुरानी लेन के पास रहने वाले शैलेंद्र को जीआरपी झाँसी ने 13 जून को वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी रेलवे स्टेशन पर मोबाइल फोन चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसी तरह सागर के थाना जीमी रहली के रेहली खिमलिया निवासी गया प्रसाद अहिरवार उर्फ गुड्डा को जीआरपी ने 23 अप्रैल को हिरासत में लेते हुए जिला कारागार भेज दिया था। इसके अलावा शिवपुरी के थाना करैरा के ग्राम राजपुरा निवासी बृजेंद्र सिंह उर्फ हजरत को रेलवे पुलिस ने चोरी का मोबाइल फोन बरामद कर जेल भेजा गया था।
सूचना पर रेलवे पुलिस, सिविल पुलिस और आरपीएफ पहुंची
कैदियों के भागे जाने की जानकारी मिलते ही पुलिस स्टॉफ में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार, सीओ सिटी राजेश राय, सीओ रेलवे नईम मंसूरी, जीआरपी, आरपीएफ व सिटी सर्किल के थानेदार मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया। इसके बाद वाहन में बैठे कैदियों से वार्तालाप की। इसके अलावा कैदी लाने वाले पुलिस के स्टॉफ से बातचीत की।
सात कैदियों को लाया था यह स्टॉफ
पुलिस लाइन में तैनात स्टॉफ की जेल से कैदियों को पेशी पर लाने के लिए ड्यूटी लगाई जाती है। जिला कारागार से रेलवे अदालत में पेशी पर कैदियों को ले जाने के लिए बारह लोगों की ड्यूटी लगाई थी। इनमें उपनिरीक्षक सुरेश सिंह यादव, हरिशचंद्र सिंह, राजेंद्र अनुरागी, उपनिरीक्षक पंकज सिंह, मुख्य आरक्षी रामचंद्र सिंह, शिवपाल, सुनील कुमार, हरिशंचंद्र सिंह, संदीप कुमार, जितेंद्र कुमार, आरक्षी हिमांशु, अनिल कुमार व चालक बलवीर शामिल था। इस स्टॉफ पर गाज गिरने की पूरी संभावना है।
पेड़ के नीचे खड़े होकर मोबाइल फोन पर विजी था स्टॉफ
बताते हैं कि कुछ स्टॉफ को गाड़ी के पास इर्द गिर्द खड़ा होने चाहिए था, मगर कुछ सिपाही व दरोगा अदालत के पास लगे पेड़ के नीचे खड़े होकर मोबाइल फोन पर विजी हो गए। साथ ही इन्हीं लोगों ने पुलिस वाहन के गेट को भी बंद नहीं किया। इसी का फायदा उठाते हुए तीनों कैदी रफू चक्कर हो गए। यही नहीं, गाड़ी के अंदर बैठे कैदियों ने पुलिस स्टॉफ को आवाज दी मगर कान में हैड मोबाइल फोन लगने के कारण सुनाई नहीं दी। अगर कान में हैड मोबाइल फोन नहीं लगा होता तो कैदी पकड़े भी जा सकते थे। इस पूरे मामले में स्टॉफ की गलती सामने आई है।
प्लेटफार्म, बस स्टैंड, एमपी सीमाओं पर की गई चेकिंग
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस का कहना है कि घटना को गंभीरता से लिया गया। एसओजी टीम समेत की टीमों का गठन किया गया। झाँसी जिले से लगी एमपी सीमाओं को सील कर दिया गया। साथ ही एमपी की तरफ जाने वाले वाहनों को चेक किया जा रहा है। इसके अलावा रेलवे पुलिस और आरपीएफ स्टॉफ द्वारा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मों व ट्रेनों में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। उनका कहना है कि इस मामले में कैदियों को जाने वाले पुलिस स्टॉफ की गलती है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।