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Jhansi News: गले में बिजली का वायर फंसने से मासूम की दर्दनाक मौत: शौच करने गया था, इलेक्ट्रिक वायर के फंदे से झूलता मिला

Jhansi News: दादी उसे बुलाने गईं। जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, उनके होश उड़ गए—हृदयांश इलेक्ट्रिक वायर के फंदे से झूलता हुआ मिला।

Gaurav kushwaha
Published on: 23 March 2025 7:42 AM IST (Updated on: 23 March 2025 7:58 AM IST)
Jhansi News: गले में बिजली का वायर फंसने से मासूम की दर्दनाक मौत: शौच करने गया था, इलेक्ट्रिक वायर के फंदे से झूलता मिला
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Jhansi News: जनपद के पूंछ थाना क्षेत्र के ग्राम धौरका में शनिवार को एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जहां 8 वर्षीय मासूम हृदयांश की गले में इलेक्ट्रिक वायर फंसने से मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब वह शौच के लिए गया था, कुछ देर बाद वह इलेक्ट्रिक वायर के फंदे पर लटका मिला। परिजनों ने पहले उसे अस्पताल में भर्ती कराया और फिर झाड़-फूंक का सहारा लिया, लेकिन मासूम को बचाया नहीं जा सका। पढ़ने में तेज हृदयांश कक्षा में प्रथम आता था। परिवार में कोहराम मचा हुआ है।

कैसे हुआ हादसा?

गांव धौरका निवासी भवानी शंकर (उर्फ भोले) का परिवार इस त्रासदी से गहरे सदमे में है। भवानी शंकर के दो बेटे हैं—10 बर्षीय गीतांश, जो कक्षा 5 का छात्र है, और 8 वर्षीय हृदयांश, जो कक्षा 3 में पढ़ता था। हृदयांश पढ़ाई में काफी होशियार था और हर वर्ष कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करता था।

शनिवार को रोज़ की तरह दोनों भाई स्कूल से लौटे। घर के पास ही उनका एक पुराना मकान है, जहां शौचालय बना हुआ है। हृदयांश और उसका भाई गीतांश अपनी मां के साथ वहां गए थे। लौटते समय उसकी मां ने दरवाजा बंद कर दिया, लेकिन हृदयांश किसी कारणवश वहीं रह गया। जब काफी देर तक वह घर नहीं पहुंचा तो उसकी दादी उसे बुलाने गईं। जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, उनके होश उड़ गए—हृदयांश इलेक्ट्रिक वायर के फंदे से झूलता हुआ मिला।

इलाज और झाड़-फूंक के बावजूद नहीं बच सकी जान

परिजन आनन-फानन में उसे कस्बे के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताई। इसके बाद वे उसे गांव ले आए और किसी तांत्रिक से झाड़-फूंक कराई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अंततः उसे मोंठ के ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पिता ने जताया संदेह

हृदयांश के पिता भवानी शंकर ने घटना को संदिग्ध बताया। उनका कहना है कि शौचालय से बाथरूम तक बांस के सहारे एक बिजली का तार बंधा हुआ था, जिसमें फंसकर उनके बेटे की जान चली गई। बोले- "जब मेरी पत्नी आई थी तो दरवाजा बंद करके आई थी, लेकिन जब दादी बच्चे को देखने गई तो दरवाजा खुला हुआ था।' हालांकि, परिवार ने इस मामले में किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है।

-पुलिस का बयान

पूंछ थाना प्रभारी जेपी पाल ने बताया कि जब तक पुलिस अस्पताल पहुंची, तब तक परिजन शव को लेकर चले गए थे। जांच में पता चला कि बच्चा सीढ़ियों से उतर रहा था, तभी बिजली का तार उसके गले में फंस गया। परिजनों ने किसी प्रकार की शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

-सतर्कता जरूरी

यह दर्दनाक हादसा उन तमाम परिवारों के लिए चेतावनी है, जो अपने बच्चों को घर में अकेला छोड़ देते हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और किसी मासूम की जान न जाए।

Ramkrishna Vajpei

Ramkrishna Vajpei

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