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Jhansi News: वैज्ञानिक और व्यावहारिक समाधानों पर दिया जोर, नेक्सस गेन्स की दो दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न
Jhansi News: झांसी में सीजीआईएआर की प्रमुख परियोजना "नेक्सस गेन्स" पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की। इस परियोजना का उद्देश्य गंगा बेसिन में भूदृश्य संसाधन संरक्षण उपायों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन जोखिम शमन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को मजबूत करना है।
Jhansi News: ICRISAT, हैदराबाद ने झांसी में सीजीआईएआर की प्रमुख परियोजना "नेक्सस गेन्स" पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की। इस परियोजना का उद्देश्य गंगा बेसिन में भूदृश्य संसाधन संरक्षण उपायों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन जोखिम शमन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को मजबूत करना है। कार्यशाला में शुष्क क्षेत्रों में कृषि-खाद्य प्रणालियों को बेहतर बनाने और भूमि क्षरण, जल की कमी और फसल उत्पादकता में कमी जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए एकीकृत प्रबंधन रणनीतियों पर चर्चा की गई।
कार्यशाला के पहले दिन, आईसीआरआईएसएटी के वैज्ञानिकों में डॉ. मैथ्यू मैककार्टनी, अनुसंधान समूह के नेता और नेक्सस गेन्स के प्रमुख, अंतर्राष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान, कोलंबो, डॉ. मैककेंट मेलेस, वरिष्ठ वैज्ञानिक, आईसीआरआईएसएटी, माली, डॉ. विक्टर अफारी-सेफा, वैश्विक अनुसंधान कार्यक्रम निदेशक, आईसीआरआईएसएटी और क्लस्टर लीड और प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. रमेश सिंह शामिल थे। झांसी में टहरौली परियोजना के तहत नोटा और भदोखर गाँव और डीएफआई परियोजना के तहत विकसित पुरा बिरधा (तालबेहट) क्षेत्र का दौरा किया।
इस यात्रा में इन स्थलों पर भूमि, जल और कृषि मुद्दों को संबोधित करने के लिए उपयोग की जाने वाली नवीन तकनीकों और दृष्टिकोणों को प्रदर्शित किया गया। दूसरे दिन झांसी में आयोजित कार्यशाला में शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों, किसान समूहों, नीति निर्माताओं और संबंधित विभागों के अधिकारियों सहित विविध हितधारकों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने सफल हस्तक्षेपों को बढ़ाने और शुष्क भूमि प्रणालियों में वैज्ञानिक समाधान अपनाने के नए तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
कार्यक्रम में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के कुलपति डॉ. ए.के. सिंह, मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के पूर्व निदेशक और विश्व बैंक के सलाहकार डॉ. मुकेश गौतम और डॉ. बीपी सिंह, झांसी में कार्यरत विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि डॉ. मुतुम लमंगनबी आईडब्ल्यूएमआई, आनंद गुजरात, डॉ. नरेश कुमार और डॉ. आशाराम काफरी, बुंदेलखंड किसान उत्पादक कंपनी टहरौली के निदेशक मंडल और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन समिति टहरौली के सदस्य शामिल हुए।
कार्यक्रम में आईसीआरआईएसएटी की ओर से डॉ. कौशल गर्ग, डॉ. अनंता और डॉ. वेंकटराधा ने अपने व्याख्यान दिए इस अवसर पर उत्तम सलाहकार, राजेंद्र सिंह प्रबंधक, डॉ. अशोक शुक्ला, ललित पटेल, शिशुवेंद्र, ई. दीपक त्रिपाठी, सुनील निरंजन, ललित किशोर, विजय सिंह, राकेश, संगीता, शैलेंद्र सोनी और सुरभि भी मौजूद रहे। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शुष्क क्षेत्रों में जलवायु अनुकूल कृषि प्रणालियों और संसाधन संरक्षण के हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में सतत विकास की दिशा में वैज्ञानिक और व्यावहारिक समाधानों पर जोर दिया गया। कार्यक्रम के मुख्य संचालक और समन्वयक डॉ. रमेश सिंह थे।