Operation Muskaan: ऑपरेशन मुस्कान के तहत घर की खुशियां लौटा रही खाकी, झांसी पुलिस की हो रही तारीफ

Jhansi News: पिछले तीन माह में करीब 13 बच्चे पुलिस ने बरामद कर परिजनों को सौंप दिया है। परिजनों को सौंपने से पहले पुलिस ने बच्चों की बाल कल्याण समिति से काउंसिलिंग पर कराई।

Gaurav kushwaha
Published on: 11 July 2024 2:46 PM GMT
Under Operation Muskaan, Khaki is returning happiness to the homes, Jhansi Police is being praised
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ऑपरेशन मुस्कान के तहत घर की खुशियां लौटा रही खाकी, झांसी पुलिस की हो रही तारीफ: Photo- Newstrack

Jhansi: पुलिस ने परिजनों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरने का काम किया है। ऑपरेशन मुस्कान के तहत पुलिस ने मई- जून माह में 13 बच्चों को ढूंढकर परिजनों से मिलता दिया। झांसी पुलिस ऑपरेशन मुस्कान के तहत लापता बच्चों को ढूंढने को अभियान चला रही है।

ऑपरेशन मुस्कान के तहत इस समय खाकी लोगों के घर की खुशियां लौटने के लिए अभियान में लगी हैं औऱ सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसमें खाकी को हर दिन सफलता मिल रही है और किसी न किसी मां के आंसू फिर से खुशियों के आंसू में तब्दील हो रहे हैं। इस ऑपरेशन के तहत पुलिस को वैसे तो काफी मशक्कत करनी पड़ रही है लेकिन जब घर परिवार वाले दुआएं देते हैं तो पुलिस क्रमियों को अपनी मेहनत का सार्थक परिणाम दिखता है और इस बात का सुकून भी पुलिस की छवि जनता के बीच इसी बहाने कुछ अलग सी बन रही है।

पुलिस ने परिजनों केचेहरों पर बिखेरी मुस्कान

इस तरह पिछले तीन माह में करीब 13 बच्चे पुलिस ने बरामद कर परिजनों को सौंप दिया है। परिजनों को सौंपने से पहले पुलिस ने बच्चों की बाल कल्याण समिति से काउंसिलिंग पर कराई। बाल कल्याण समिति के अधिकारी ने बच्चों से बातचीत कर जानकारी हासिल की कि किसके साथ गए थे और उनके साथ क्या-क्या हुआ।

किसी को बहला फुसलाकर भगाया गया तो किसी ने छोड़ दिया घर

पुलिस के इस ऑपरेशन के तहत कई ऐसे बालक बालिकाओं को बरामद किया गया जिन्हें बहला फुसलाकर उनके घर से भगा लाया गया था। कई नाबालिग लड़कियों को उनकी जिंदगी बर्बाद होने से पहले संबंधित थाना, पुलिस ने उन्हें सकुशल बरामद कर लिया। किसी को तो महज चार घंटों के अंदर खाकी ने इलाके से ही बरामद करते हुए उनके परिजनों के सुपुर्द कर लिया।

तकनीक की मदद से सरल हुई खोज की प्रक्रिया

तकनीकी मदद से हाल के दिनों में कई गुमशुदा बच्चों को पुलिस ने उनके परिजनों से मिलाया। दरअसल, ज्यादातर बच्चे अपनी अनुचित मांग नहीं माने जाने, परीक्षा में कम अंक लाने, परिजनों की डांट अथवा अन्य कारणों से खुद घर छोड़कर चले जाते हैं। वहीं, कुछ मामले में ही बच्चों के अगवा करने के मामले में मानव तस्करों की भूमिका सामने आती है। इस संबंध में एसएसपी राजेश एस का कहना है कि बच्चों को बरामद करने के लिए लंबे समय से कोशिश की जा रही थी। पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया। सभी बच्चे अपने-अपने परिजनों के पास पहुंच गए हैं।

बच्चों से भीख मंगवाते हैं तस्कर

तस्कर बच्चों से भीख मंगवाने के अलावा नाबालिग बच्चियों से गलत काम तक करवाते हैं। लेकिन बुंदेलखेड में इस तरह की घटना कम होती है। बावजूद इसके बच्चों के मामले में पुलिस की जांच में कोई कमी ना छोड़ी जाए इसके लिए पुलिस महानिदेसक ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं।

Shashi kant gautam

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