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Jhansi: सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने 98 साल की दादी को पहुंचाया घर
Jhansi: रविवार की शाम सोशल मीडिया पर एक वीडिया वायरल हो रहा है। इस वीडियो में नोएडा निवासी अश्वनी शुक्ला कह रहे है कि वह राजस्थान में सरासर बालाजी मंदिर पर दर्शन करने गए थे।
Jhansi News: सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने 98 साल की दादी को अपने घर पहुंचा दिया। वीडिया वायरल की जानकारी मिलते ही झांसी के समाजसेवी व परिजन स्थानीय रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां पर जीआरपी ने दादी को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। इसके पहले भी वह चार-पांच बार परिजनों को बिना बताए भगवान के दर्शन करने के लिए चली गई थी।
रविवार की शाम सात बजे सोशल मीडिया पर एक वीडिया वायरल हो रहा है। इस वीडियो में नोएडा निवासी अश्वनी शुक्ला कह रहे है कि वह राजस्थान में सरासर बालाजी मंदिर पर दर्शन करने गए थे। वहीं पर 98 साल की वृद्ध महिला मिली। जब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि वह भटक गई है। वह झांसी की रहने वाली है। इस आधार पर वह मां को कार में बैठाकर राजस्थान से दिल्ली लाए। यहां आकर कर्नाटक एक्सप्रेस में माता जी के लिए एक आरक्षण टिकट खरीदा। इसके बाद उन्हें एसी-2 की सीट क्रमांक 40 पर बैठा दिया था। वीडियो में कहा गया कि यह ट्रेन झांसी रात्रि दो बजे पहुंचेगी। जैसे ही ट्रेन दिल्ली से झांसी के लिए रवाना हुई तो अश्वनी शुक्ला वहां से चले गए थे।
उधर, सोशल मीडिया पर हो रहे वीडियो को झांसी में रहने वाले समाजसेवी श्रीराम सरवरिया, दादी के परिजनों व जीआरपी व आरपीएफ स्टॉफ ने देखा। सभी लोग स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। जैसे ही ट्रेन स्थानीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर आई तो एसी-2 कोच को घेर लिया। इस कोच में मौजूद टीटीई ने दादी मां को कोच से जैसे ही बाहर निकाला तो लोगों ने घेर लिया। समाजसेवी श्रीराम सरवरिया ने बताया कि जैसे ही सोशल मीडिया पर दादी मां को वीडियो वायरल हो रहा था, तभी से वह सक्रिय हो गए थे। वह स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए थे। दादी मां के परिजन भी मिल गए थे। इनमें दादी का लड़का रमेश चंद्र साहू व दो नाती भी थे। यह लोग कोतवाली थाना क्षेत्र के सराय मोहल्ले के निवासी है।
वहीं, परिजनों का कहना है कि तीन-चार दिन पहले दादी मां यहां से चली गई थी। उन्होंने हरिद्वार में स्नान किया। इसके बाद मंदिर के दर्शन करने के बाद राजस्थान के सरासर बालाजी मंदिर पहुंच गई थे। परिजनों का कहना है कि दादी मां इसके पहले चार-पांच बार बिना बताए घर से चली जाती रही है। दर्शन करने के बाद वह खुद अपने आप घर वापस लौट आती थी। इसलिए वह परेशान नहीं थे। उन्हें उम्मीद थी कि दादी मां वापस घर लौट आएंगी। वहीं, जीआरपी ने दादी मां को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।