Jhansi News: कहां गईं स्मार्ट सिटी की ई-साइकिलें, खाली पड़ा साइकिल स्टैंड

Jhansi News: झांसी स्मार्ट सिटी ने इस दिशा में पहल करते हुए बड़े जोरशोर से ई-साइकिलों से महानगरवासियों का परिचय कराया। ई-साइकिलों का एक बेड़ा भी मंगाया गया। अब झांसी की सड़कों पर कहीं नजर नहीं आ रहीं हैं।

Gaurav kushwaha
Published on: 4 Aug 2024 10:50 AM GMT
Where did the smart citys e-bicycles go, the bicycle stand is lying empty
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कहां गईं स्मार्ट सिटी की ई-साइकिलें, खाली पड़ा साइकिल स्टैंड: Photo- Newstrack

Jhansi News: उत्तर प्रदेश के जनपद झांसी में स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा बड़े जोर शोर से लाई गई ई-साइकिलें अब झांसी की सड़कों पर कहीं नजर नहीं आ रहीं हैं। वहीं इन साइकिलों के लिए महानगर में बनाए गए साइकिल स्टैंड भी वीरान नजर आ रहे हैं। ऐसे में महानगर की सड़कों को प्रदूषण मुक्त रखने की स्मार्ट सिटी की पहल भी असफल होती नजर आ रही है।

शहर की सड़कों को गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए केंद्र सरकार ने ई-वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने की बात कही थी। इसके बाद इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक स्कूटर, ई-बाइक और ई-साइकिल प्रचलन में आने लगीं। झांसी स्मार्ट सिटी ने इस दिशा में पहल करते हुए बड़े जोरशोर से ई-साइकिलों से महानगरवासियों का परिचय कराया। ई-साइकिलों का एक बेड़ा भी मंगाया गया। इसके साथ ही नगर निगम में ई-सइकिलों की बैट्री को चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट(वर्कशॉप) बनाया गया। साथ ही महानगर के 18 चुनींदा स्थानों पर साइकिल स्टैंड भी बनाए गए।

बताया गया कि ई-साइकिलों के रखरखाव और संचालन का ठेका ग्रीन पीडिया माई बाइक कंपनी को दिया गया। चूंकि इन साइकिलों को झांसी वासियों को निर्धारित शुल्क पर किराए पर देना था, जिससे यह सड़कों पर दौड़ती नजर आएं। इससे होने वाली आय से इस योजना के तहत साइकिलों का रख रखाव और संचालन किया जाना था। बताया गया कि जैसे ही 181 साइकिलों का बेड़ा यहां आया तो इसके कुछ ही दिन बाद वह इसके वर्कशॉप से गायब हो गया। हालांकि वर्कशॉप प्रबंधक प्रशांत साहू का कहना है कि महानगर में ई-साइकिलों की डिमांड बढ़ती जा रहीं हैं। हमारे 181 साइकिलों के बेड़े में से 150 साइकिलें तो किराए पर उठी हुईं हैं। लोगों ने इन्हें मासिक किराए पर लेकर अपने घरों में रख लिया है। चूंकि इन ई-साइकिलों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है ऐसे में इनके चोरी होने का खतरा भी नहीं है।

मासिक किराए ने बिगाड़ा खेल

स्मार्ट सिटी द्वारा झांसी की जनता के लिए कुछ घंटों के लिए या दैनिक किराए के लिए ई-साइकिलों को रखा गया था। चूंकि इसका 30 मिनट का किराया 15 रुपए, एक दिन का किराया 60 रुपए तय किया गया था। पर जब से कंपनी ने 870 रुपए के मंथली प्लान लॉंच किया तब से लोगों ने 35 हजार रुपए की ई-साइकिल को महीने भर के लिए किराए पर लेकर अपने घरों में रख लिया। अब लोग अपनी गली-मुहल्ले में इसकी सवारी का आनंद लेते दिखाई पड़ जाते हैं।

इसमें एक खास बात यह है कि ई-साइकिल को किराए पर लेने के लिए शुल्क ऑनलाइन अदा करना पड़ता है। ऐसे में लोगों में इसके प्रति बहुत ज्यादा रुचि बढ़ी है। ई-साइकिल को किराए पर लेने वालों को 500 रुपए सिक्योरिटी राशि जमा करनी पड़ती है वह भी ऑनलाइन। ऐसे में इन साइकिलों को किराए पर लेने के लिए नगद धनराशि की भी जरूरत नहीं है।

यहां बनाए गए थे ई-साइकिल स्टैंड

ई-साइकिलों के लिए महानगर के नगरा, सीपरी बाजार पुल के समीप, ध्यानचंद स्टेडियम, अटल एकता पार्क, इलाइट, जेल चौराहा, कचहरी चौराहा, नारायण बाग, लक्ष्मीताल, बस स्टैंड, मेडिकल कॉलेज कैंपस और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में स्टैंड बनाए गए थे। अब यह स्टैंड खाली नजर आते हैं।

Shashi kant gautam

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