Jhansi News: राष्ट्रीय सेवा योजना बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय ने किया आत्महत्या रोकथाम दिवस का आयोजन

Jhansi News: आत्महत्या से केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा समाज प्रभावित होता है और यह देश के विकास के लिए बहुत ही नुकसानदायक है।

Gaurav kushwaha
Published on: 10 Sep 2024 11:33 AM GMT
World Suicide Prevention Day organized
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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का आयोजन (फोटो: सोशल मीडिया ) 

Jhansi News: राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वितीय बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी द्वारा आज विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर स्वयंसेवकों को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ललित कला संस्थान में किया गया। इसमें आत्महत्या को समाज के लिए अभिशाप बताते हुए मंडलीय परियोजना प्रबंधन इकाई झाँसी के डॉ. आनंद चौबे ने कहा कि आत्महत्या को रोकने के लिए सलाह या सुझाव देने से अच्छा है मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति को यह अहसास दिलाया जाए कि उसकी समस्या को हम समझ सकते हैं।

मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति को भरोसा दिया जाना चाहिए

डॉ. चौबे ने कहा कि जब इन्सान हर जगह से हार जाता है तो वह आत्महत्या करने का प्रयास करता है। उम्मीद की जब कोई किरण उसे नजर नहीं आती है तो वह आत्महत्या करता है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम उसे बताएं कि आपकी समस्या को हम समझ सकते हैं और उसका हल खोजा जा सकता है, उसे भरोसा दिलाया जा सकता है। डॉ. चौबे ने विद्यार्थियों को एक मन्त्र देते हुए कहा कि जब कोई आपको परेशान दिखे या मिले तो उससे बात कीजिए और उसे बताइए कि “मैं समझ सकता हूँ.” उस व्यक्ति को यदि एक बार यह भरोसा हो गया तो वह आसानी से अपनी समस्या का समाधान खोज लेगा और इस प्रकार से एक व्यक्ति बच सकता है।


आपस में बात करके अपनी समस्या का समाधान सुलझाए

महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की सहायक आचार्य डॉ. सुधा शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यलय के विद्यार्थियों की यह जिम्मेदारी होती है कि वह एक अच्छा वातावरण का निर्माण करें, जिससे लोग आपस में बात करके अपनी समस्या का समाधान सुलझा सके। उन्होंने कहा कि आत्महत्या से केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा समाज प्रभावित होता है और यह देश के विकास के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। आज हम लोगों को यह शपथ लेना चाहिए कि किसी भी मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति को अकेला नहीं छोड़ेंगे और उनसे बात करेंगे जिससे यह विचार जल्दी ही उसके दिमाग से निकल जाए। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन बहुत ही अनमोल है और हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए। समस्या का समाधान ज़रूर निकलता है।


इस वर्ष की थीम “आत्महत्या के प्रति अवधारणा को बदलना”

कार्यक्रम की संयोजक राष्ट्रीय सेवा योजना बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की नोडल अधिकारी डॉ. श्वेता ने बताया कि दुनिया भर में हर चार मिनट में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष की थीम “आत्महत्या के प्रति अवधारणा को बदलना” निर्धारित किया गया है। इसके लिए ए कॉल टू एक्शन के द्वारा हम लोगों को आत्महत्या करने से रोक सकते हैं। यह ज़रूरी है कि व्यक्ति को उसकी क्षमताओं से अवगत कराया जाए, जिससे वह अपनी जिन्दगी को अच्छे से जी सके। इस अवसर पर ललित कला संस्थान के शिक्षक डॉ. अजय गुप्ता, गजेन्द्र सिंह, रेखा आर्य, राजेश मंडल, तरुण, अक्षय एवं इकाई द्वितीय के अन्य स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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