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अंधविश्वासः CM अखिलेश फिर नहीं गए नोएडा, 5 केडी से किया 27 परियोजनाओं का लोकार्पण
लखनऊ/नोएडा: कुर्सी जाने का डर हर नेता को रहता है। यूपी में चुनाव सर पर है और मौजूदा सीएम अखिलेश यादव अपनी कुर्सी बचाने की हर कोशिश में लगे हैं। इन सबके बीच कहा जाता है कि चुनाव से पहले जो भी नेता नोएडा जाता है वह निश्चित रुप से चुनाव हार जाता है। ये अंधविश्वास है या डर। सीएम अखिलेश ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 27 परियोजनाओं का लोकापर्ण व शिलान्यास किया। वह नोएडा नहीं गए। अब सभी के जहन में सवाल यह है कि आखिर नोएडा में ऐसा क्या है कि जो सभी नेता यहां आने से इतना डरते है।
बुधवार सुबह साढ़े दस बजे करीब 5500 करोड़ रुपए की 27 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया। दो परियोजनाओं बोटेनिकल गार्डन से कालिंदी कुंज मेट्रो व नोएडा ग्रेटरनोएडा एसी बस संचालन का शुभारंभ शामिल है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा चार परियोजनाओं यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की कुल दो परियोजनाओं का लोकापर्ण किया गया।
बार-बार कैंसिल हुआ कार्यक्रम
इससे पहले अंडरपास, एलीवेटेड रोड, साइकिल ट्रैक जैसी योजनाओं की शुरुआत के लिए अखिलेश को नोएडा जाना था, लेकिन वह नहीं गए।साल 2012 से लेकर अब तक सीएम अखिलेश यादव नोएडा नहीं गए हैं। सरकार ने भले ही कई योजनाएं शुरू की लेकिन कभी इनकी शुरुआत यहां आकर नहीं की।
क्या है डर
माना जाता है कि अपने कार्यकाल में जो नाएडा गया उसकी सरकार चली गई। कई बार एेसा हुआ है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आया अगली बार से उसकी कुर्सी चली गई। माना जाता है कि इन उदाहरणों के कारण ही सीएम अखिलेश नोएडा जाने से कतराते हैं।
इनकी गई कुर्सी
-1985 में सीएम रहे बहादुर सिंह ने नोएडा का दौरा किया।
-इस दौरे के बाद तीन सालों में ही उनकी कुर्सी चली गई।
-साल 1989 में एनडी तिवारी नोएडा आए और उनके हाथों से भी सत्ता चली गई।
-साल 1995 में मुलायम सिंह के साथ भी एेसा ही देखने को मिला।
-साल 2011 में मायावती भी नोएडा के दौरे पर आई थीं उसके बाद से ही वह सत्ता खो बैठीं।