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Sibal vs Jitin Prasada: कांग्रेस छोड़ने वाले कपिल सिब्बल पर जितिन प्रसाद का तंज, पूछा –कैसा है "प्रसाद" मिस्टर सिब्बल!
UP: जितिन प्रसाद ने जब बीजेपी का दामन थमा था तब पूर्व केंद्रीय मंत्री और उस दौरान जी 23 के सबसे मुखर नेताओं में गिने जाने वाले कपिल सिब्ब्ल ने ट्वीट कर उनपर निशाना साधा था।
Lucknow: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सियासी गलियारों में उस समय हलचल मच गई, जब दिग्गज कांग्रेस नेता और किसी जमाने में गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) के साथ राज्यसभा के लिए नामांकन करन पहुंचे।
सिब्बल ने अखिलेश और उनके चाचा रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) की मौजूदगी में निर्दलीय नामांकन दाखिल किया और बाहर मीडिया के सामने कांग्रेस से अपनी रवानगी की पुष्टि की। उनके इस कदम को जहां कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है, वहीं उनके एक पूर्व सहयोगी जो अभी बीजेपी सरकार में मंत्री हैं ने उनपर तंज कसा है।
जितिन प्रसाद ने कपिल सिब्ब्ल पर ट्वीट कर साधा निशाना
योगी सरकार (Yogi Sarkar) में मंत्री जितिन प्रसाद (Minister Jitin Prasad) ने कपिल सिब्ब्ल के इस कदम पर उनके पुराने ट्वीट को टैग करते हुए पूछा - कैसा है "प्रसाद" मिस्टर सिब्बल! दरअसल जितिन प्रसाद कांग्रेस के उन बड़े युवा चेहरों में शुमार हैं, जिन्होंने हाल के दिनों में अपनी दलीय निष्ठा बदली है। प्रसाद ने यूपी विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस को झटका देते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था। तब पूर्व केंद्रीय मंत्री और उस दौरान जी 23 के सबसे मुखर नेताओं में गिने जाने वाले कपिल सिब्ब्ल ने ट्वीट कर उनपर निशाना साधा था।
भाजपा से "प्रसाद" मिलेगा या वे यूपी चुनाव के लिए सिर्फ एक 'पकड़' हैं?- सिब्बल
सिब्बल ने अपने उस पुराने ट्वीट में लिखा था, जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल। सवाल यह है कि क्या उन्हें भाजपा से "प्रसाद" मिलेगा या वे यूपी चुनाव के लिए सिर्फ एक 'पकड़' हैं? ऐसे सौदों में अगर 'विचारधारा' मायने नहीं रखती है तो बदलाव आसान है।
ऐसे में जब सिब्बल ने आज कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करते हुए समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा के लिए पर्चा भरा, तो ये कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद के लिए उन्हें जवाब देने के लिए सबसे उपयुक्त क्षण था। जिसका उन्होंने बखूबी इस्तेमाल भी किया। आपको बता दें कि कपिल सिब्बल और जितिन प्रसाद यूपीए सरकार के दौरान एक दूसरे के सहयोगी हुआ करते थे। दोनों मनमोहन सरकार में मंत्री थे।