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Moradabad News: फर्जी मार्कशीट से डाक विभाग में हासिल की नौकरी, आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस
Moradabad News: पोस्ट ऑफिस में तैनात अधिकारी के द्वारा शिकायत थाना सिविल लाइंस में दर्ज कराई गई थी जिसमें एक कर्मचारी के ऊपर मार्कशीट से छेड़छाड़ करते हुए फर्जी तरीके से नौकरी हासिल की गई थी।
Moradabad News: मुरादाबाद जनपद के सिविल लाइंस थाना इलाके के पोस्ट ऑफिस में तैनात अधिकारी के द्वारा एक शिकायत मुरादाबाद जनपद के थाना सिविल लाइंस में दर्ज कराई गई थी जिसमें एक कर्मचारी के ऊपर मार्कशीट से छेड़छाड़ करते हुए फर्जी तरीके से मार्कशीट में अपने अंक बढ़ाकर नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया गया था। इस पूरे प्रकरण में मामला दर्ज करते हुए पुलिस के द्वारा विवेचना शुरू कर दी गई है। विवेचना के दौरान लगाए गए सभी आरोप सही पाए गए हैं।
दरअसल, पूरा मामला मुरादाबाद जनपद के सिविल लाइंस इलाके का है जहां पर थाने में पोस्ट ऑफिस में तैनात अधिकारी के द्वारा एक शिकायत मुरादाबाद जनपद के सिविल लाइन थाने में दी गई थी जिसमें 32 साल पहले एक कर्मचारी डाकघर में लगा था जिसके द्वारा अपनी फर्जी मार्कशीट से लगातार नौकरी करता आ रहा था। पूरे प्रकरण को लेकर एसपी क्राइम अशोक कुमार के द्वारा बताया गया परवारण्ड डाक अधीक्षक के द्वारा एक सूचना सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराई गई थी।
अंक पत्र में छेड़छाड़ करके हेराफेरी पाई नौकरी
डाक विभाग में बीते 32 वर्ष से एक शख्स नौकरी कर रहा था उसके द्वारा अपने हाई स्कूल और इंटर के यूपी बोर्ड के जो प्राप्त अंक थे उसमें छेड़छाड़ करके हेराफेरी की गई है, हेराफेरी करते हुए शक़श के द्वारा नौकरी दी गई थी, जिसमें डाक विभाग के द्वारा पूरे प्रकरण की विभागीय जांच कराई गई, विभागीय मैं मार्कशीट में जो अंक प्राप्त है वह असल में नहीं थे प्राप्त अंख ओर थे इस आधार पर शिकायत मिलने पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया गया है, पुलिस के द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है । यह केवल एक मामला ही नही इस जैसे और भी मामले हो सकते हैं।
32 वर्ष पूर्व अंक तालिका में किया गया छेड़छाड़
32 वर्ष पूर्व अगर कोई इस तरह का काम कर सकता हैं तो किया इसके बाद कोई और नही हो सकता । जबकि इतनी पारदर्शिता होने के बाद अपनी अंक तालिकाओं में हेर फेर कर सकता है तो किया इस से पहले किसी और ने नही की होगी क्योंकि जैसे अब अंक तालिकायें नौकरी जॉइन करने के बाद जांच में जाती है और लगभग 3 से 5 माह के बाद अंक तालिकायें वापस की जाती हैं तो इतनी देख भाल के बाद भी 32 साल पहले इतनी घपले बाज़ी कैसे हो सकती हैं।
पुलिस तलाश में जुटी
एसपी क्राइम अशोक कुमार ने बताया कि ऐसा हुआ है जो 32 साल के बाद मामला उजागर हुआ। किसी न किसी को तो इसकी जानकारी थी बगैर जानकारी के ऐसा नही हो सकता इन्होंने 32 साल मुरादाबाद में ही कार्य किया इन्होंने हाई स्कूल और इण्टर की अंक तालिकाओं में अपने नंबर बढ़ा कर ही डाक विभाग में नौकरी हासिल की थी जांच में सारा सत्य सामने आ गया तो इनके खिलाफ थाना सीविल लाइन में जालसाज़ी का मुकदमा पंजीकृत किया गया है। अभी किसी की गिरफ्तारी नही हुई है। पुलिस तलाश में जुट गई है