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मुलायम को झटका : अमिताभ को धमकी मामले में CD की होगी जांच
लखनऊ: आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को कथित तौर पर धमकी देने के मामले में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को कोर्ट से जोर का झटका लगा है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संध्या श्रीवास्तव ने पुलिस की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें मुलायम को क्लीन चिट दी गई थी।
कोर्ट ने अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल अमिताभ ठाकुर की प्रोटेस्ट अर्जी को मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने इस मामले की अग्रिम विवेचना का आदेश दिया है। सीओ हजरतगंज को कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले में संलग्न सीडी की फोरेंसिक जांच कराकर 30 सितंबर को अपनी रिपोर्ट पेश करें।
क्या कहा था अमिताभ ठाकुर ने?
16 अक्टूबर, 2015 को प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल कर अमिताभ ठाकुर ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को निरस्त करते हुए मुलायम पर आरोप विरचित करने की मांग की थी। उनका कहना था कि विवेचना से यह पूरी तरह स्थापित हो गया है कि मुलायम सिंह यादव ने उन्हें फोन पर वही बातें कहीं, जो उन्होंने एफआईआर में दर्ज कराई थी। साथ ही खुद मुलायम सिंह यादव ने भी विवेचक को दिए अपने बयान में यह बात स्वीकार की है। लिहाजा उनकी शिकायत स्वतः साबित होती है। अमिताभ का यह भी कहना था कि विवेचक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दबाव में पूरी तरह एकपक्षीय विवेचना की है।
क्या था पुलिस की रिपोर्ट में
जबकि 12 अक्टूबर, 2015 को विवेचक ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को क्लीन चिट देते हुए अपनी अंतिम रिपोर्ट दाखिल की थी। विवेचक ने कहा था कि मुलायम सिंह यादव जो इस मुकदमे के तथाकथित मुल्जिम हैं, उनके कथन से स्पष्ट हो रहा है कि उनकी टेलीफोनिक बातचीत समझाने के दृष्टिकोण से की गई है। लेकिन वादी द्वारा किए जा रहे इस प्रकार के कृत्य का तात्पर्य मुख्य रूप से सहज लोकप्रियता प्राप्त करना है। यह उनका समाचार पत्रों एवं मीडिया की सुर्खियों बने रहने का एक तरीका है। जबकि वह भारतीय पुलिस सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। उनके कार्य व्यवहार और मर्यादित आचरण की अपेक्षा जन सामान्य को रहती है। इस प्रकार उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों के परिशीलन से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ धमकी देने का अपराध साबित नहीं हो रहा है। लिहाजा विवेचना द्वारा अंतिम रिपोर्ट समाप्त की जाती है।
कोर्ट ने क्या कहा
पुलिस की अंतिम रिपोर्ट निरस्त करते हुए अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि इस मामले के तथ्यों से स्पष्ट है कि विवेचक ने सीडी में मौजूद आवाज के नमूने का फोरेंसिक लैब में जांच नहीं कराया है। जिससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि सीडी में रिकॉर्डेड बातचीत किन दो व्यक्तियों का है। विवेचक ने जिस धमकी भरे फोन के संबध में विवेचना की है, उस वॉइस रिकार्डिंग का नमूना भी किसी विशिष्ठ सरकारी अभिकरण के द्वारा सत्यापित अथवा प्रमाणित नहीं किया गया है। मात्र अन्य तथ्यों के आधार पर अंतिम रिपोर्ट दाखिल की गई है। लिहाजा अंतिम रिपोर्ट निरस्त की जाती है।
क्या था पूरा मामला
-आईजी अमिताभ ठाकुर के मुताबिक 10 जुलाई 2015 की शाम मुलायम सिंह यादव ने उन्हें फोन पर धमकी दी।
-दो मिनट 10 सेकंड तक बातचीत में मुलायम सिंह ने धमकाने के अंदाज में कहा-सुधर जाओ।
-उन्होंने फिरोजाबाद के जसराना की घटना का हवाला दिया था।
-मुलायम से उनकी कथित बातचीत का ऑडियो आईपीएस की पत्नी और सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने जारी किया था।
क्या हुआ था जसराना में
-फिरोजाबाद में एसपी रहते वक्त अमिताभ ठाकुर को मुलायम सिंह के समधी रामवीर सिंह ने पिटवाया था।
-इसकी एफआईआर उस वक्त अमिताभ ने दर्ज कराई थी।
मुलायम ने क्यों धमकाया?
-अमिताभ के मुताबिक उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी और सदस्य अशोक पांडेय के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसलिए उन्हें धमकाया गया।