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सम्मान से अच्छे कार्य की प्रमाणिकता मिलती है-राज्यपाल
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि लोकतंत्र में कार्यपालिका, न्यायपालिका तथा विधायिका के साथ ही चतुर्थ स्तम्भ पत्रकारिता का भी बहुत महत्व है। देश में पत्रकारिता ने स्वाधीनता संग्राम से लेकर समाज के उत्थान तक में अपनी विशिष्ट भूमिका का निर्वहन किया है।
लखनऊः राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि लोकतंत्र में कार्यपालिका, न्यायपालिका तथा विधायिका के साथ ही चतुर्थ स्तम्भ पत्रकारिता का भी बहुत महत्व है। देश में पत्रकारिता ने स्वाधीनता संग्राम से लेकर समाज के उत्थान तक में अपनी विशिष्ट भूमिका का निर्वहन किया है।
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राज्यपाल ने ‘पीत पत्रकारिता’ पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारिता में निष्पक्षता होनी चाहिये। पत्रकार समाज का प्रबोधन करते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की विशेषता है कि वह अच्छाई व बुराई दोनों ही समाज के सामने प्रस्तुत करते हैं।
राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में एक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षा के लिये मौलाना डाॅ0 कल्बे सादिक को, उर्दू और हिन्दी साहित्य के लिये प्रोफेसर फजले इमान को, चिकित्सा शिक्षा के लिये मोहसिन अली खान को, समाजसेवा के लिये पंडित शिवचरन त्रिपाठी को तथा विदेश में उत्कृष्ट स्काॅलरशिप प्राप्त करने के लिये मुर्तजा सरवत तक़ी को ‘अवध सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को मुख्य अतिथि के रूप में जाना था पर अस्वस्थ होने के कारण कार्यक्रम में नहीं जा सके बल्कि उनके भाषण की वीडियो रिकार्डिंग कार्यक्रम में भेजी गई जहाँ श्रोता उनके विचारों से अवगत हुए। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति शबिहुल हसनैन, मौलाना अकील-उल-गरवी, वकार रिजवी, प्रोफेसर अब्बास रजा नय्यर सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र का महापर्व चल रहा है। मतदाता जनतंत्र के निर्माता हैं। लोकतंत्र में मतदान का अपना महत्व होता है। मतदान किसको करना है यह मतदाता का विशेषाधिकार है। 18 वर्ष की आयु के ऊपर के सभी लोग मतदान अवश्य करें और दूसरों को भी मतदान के लिये प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि मतदान के माध्यम से एक आम नागरिक भी सरकार गठन में सहभागी होता है।