TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

UPPGME विवादः KGMU ट्रॉमा में जूडा ने जड़ा ताला, 6 मरीजों की मौत

By
Published on: 30 May 2016 7:03 PM IST
UPPGME विवादः KGMU ट्रॉमा में जूडा ने जड़ा ताला, 6 मरीजों की मौत
X

[nextpage title="next" ]

doctors-1

लखनऊः UPPGME (यूपी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल परीक्षा) की दूसरी काउंसिलिंग का विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टरों (जूडा) ने सोमवार को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में ताला जड़ दिया और ओपीडी में भी काम नहीं होने दिया। देर रात खबर आई कि डॉक्टरों की इस मनमानी से ट्रॉमा में दाखिल छह मरीजों को जान गंवानी पड़ गई। दरअसल, यूपीपीजीएमई की नई मेरिट लिस्ट का जूनियर डॉक्टर विरोध कर रहे हैं।

पुलिस से हाथापाई की

सोमवार को यूपीपीजीएमई के काउंसिलिंग के दौरान विरोध जताने पर डॉक्टरों की पुलिसकर्मियों से हाथापाई भी हुई। इसमें कुछ जूनियर डॉक्टर्स घायल हो गए। बता दें कि रविवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के आदेश के बाद काउंसिलिंग का स्थान केजीएमयू से बदलकर नेशनल पीजी कॉलेज, हजरतगंज कर दिया गया था।

आगे की स्लाइड्स में जानिए, आखिर क्यों हो रहा है यूपीपीजीएमई का विरोध...

[/nextpage]

[nextpage title="next" ]

हड़ताली डॉक्टरों ने गेट पर ताला जड़ा हड़ताली डॉक्टरों ने गेट पर ताला जड़ा

ओपीडी भी रही प्रभावित

जूनियर डॉक्टर्स-1 की हड़ताल पर जाने की वजह से केजीएमयू के ट्रॉमा में मरीजों के इलाज पर संकट मंडराने लगा है। क्योंकि ट्रॉमा और ओपीडी में इलाज की व्यवस्था रेजिडेंट ही संभालते हैं। इसके अलावा ओपीडी भी प्रभावित रही।

[/nextpage]

[nextpage title="next" ]

वीरान पड़ा ओपीडी वीरान पड़ा ओपीडी

ये हैं प्रदर्शन की मुख्य वजह

-बताते चलें कि उत्तर प्रदेश पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल परीक्षा (यूपीपीजीएमई) के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से जूनियर डॉक्टर-1 के भविष्य पर संशय के बादल मंडराने लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा में कार्यरत चिकित्सकों के अर्जित किए गए अंकों में 30 फीसदी अतिरिक्त अंकों की बढ़ोतरी की जाए।

-सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के करण यूपीपीजीएमई-2016 की मेरिट में आए हुए छात्रों की रैंक प्रथम 200 से बाहर हो जाएगी।

-वहीं प्रदर्शन करने वाले जूनियर डॉक्टर्स का कहना है, 'इसकी जानकारी उन्हें परीक्षा से पहले नहीं दी गई थी।' प्रदर्शन कर रहे डॉ. एके शर्मा ने बताया कि उन्होंने ऑल इंडिया डीएनबी जिपमर की काउंसिलिंग की सीटें छोड़कर प्रदेश की सीटें ली थी। इस आदेश से उनके सारे रास्ते बंद हैं और भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।

[/nextpage]

[nextpage title="next" ]

मरीजों की तकलीफ कैमरे की नजर से मरीजों की तकलीफ कैमरे की नजर से

-छात्रों का कहना है कि वह प्रांतीय चिकित्सकों यानि पीएचसी में तैनात चिकित्सकों की 51 क्लीनिकल सीटों के आरक्षण के विरुद्ध नहीं हैं। लेकिन इस फैसले से उनका भविष्य खतरे में पड़ गया है। इसके विरोध में करीब सौ छात्रों ने सोमवार को केजीएमयू के कलाम सेंटर पर प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए क्योंकि ये फैसला 400 रेजीडेन्ट डॉक्टरों के भविष्य से जुड़ा है।

-इस बारे में डॉ. शरद ने कहा, एग्जाम और काउंसिलिंग के बाद ज्वाइनिंग भी हो गई। डॉक्टरों की ओर से सेवाएं भी दी जाने लगी हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सबका भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। इसके विरोध में करीब 1500 रेजीडेंट डॉक्टरों की ओर से केजीएमयू से शहीद पथ तक रैली निकाली गई।

[/nextpage]

[nextpage title="next" ]

doctors-6

[/nextpage]

[nextpage title="next" ]

doctors-8

[/nextpage]

[nextpage title="next" ]

doctors-3

[/nextpage]



\

Next Story