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Kannauj News: रिकवरी के आदेश पर यूपी सरकार पर भड़के संविदाकर्मचारी, सीएमओ से की मांग

Kannauj News: संविदाकर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने यूपी सरकार पर भड़कते हुए कहा कि संविदा की नौकरी को ही खत्म कर दिया जाये।

Pankaj Srivastava
Published on: 12 July 2024 5:34 PM IST
Kannauj News
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सीएमओ से मिलते संविदा कर्मी (Pic: Newstrack)

Kannauj News: कन्नौज जिला अस्पताल में तैनात संविदा कर्मचारियों को आदेश किया गया है कि वह अपनी पिछले वर्षों के दौरान की गई रिकवरी वापस करें। इस बात को लेकर संविदाकर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने यूपी सरकार पर भड़कते हुए संविदा की नौकरी को लेकर कहा कि इससे अच्छा तो संविदा को खत्म ही कर दिया जाये। उनका साफ कहना है कि हर जगह समान वेतन और समान कार्य हो चुका है लेकिन यूपी में समान कार्य और समान वेतन नही किया गया है। यूपी गवर्नमेंट बैठी सो रही है।

आपको बताते चलें कि सैलरी को लेकर नर्सों ने संविदाकर्मचारियों की परेशानी बताते हुए मुख्य चिकित्साधीक्षक से मांग रखी कि वह उनकी समस्याओं को शासन तक पहुंचाए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से रूबरू होकर बताया कि हम लोग संविदा कर्मचारी हैं, सैलरी न के बराबर है जिसमें एक पूरी फैमिली भी नही चलती। 20 हजार में बच्चे किसके पढ़ पाऐंगे, कितना हम खाएंगे और कहां से लाऐंगे।

संविदा कर्मचारियों ने की यह मांग

संविदा कर्मचारी ज्योति सिंह ने बताया कि हम लोग संविदा कर्मचारी है। 2019 से जिला अस्पताल में काम कर रहे हैं, कार्य हम लोगों का समान है जो परमानेंट का होता है और डिग्री भी समान है, हम लोगों की सैलरी मिलती है 20 हजार रुपये और सरकारी कर्मचारी जो है उनकी सैलरी 50 से 60 हजार है। रूम भी एलाट है। अब हम लोगों का एक कमरा है, उसी में लैट्रिन, किचन, बाथरूम उसी में है। हम लोग कैसे गुजारा कर रहे हैं हम लोग जानते है। हम लोग चलो अकेले है लेकिन हमारे जो कुछ साथी है उनके बच्चे भी है। एक कमरे में बच्चे और पति-पत्नी को रहना कैसे पॉसिबल है। यह आप एक ह्यूमन थिंग से सोंचिए कि यह कैसे रहते। अब यह हो रहा है कि यहां से ऊपर से यह आदेश आया कि हम लोग पिछला रिकवरी करें कि जितने सालों से रह रहे है। अब 20 हजार सैलरी में हम रिकवरी भी कर दें पैसा भी दे देंगे तो हम लोग खाएंगे क्या। बस यही समस्या है कि रहने की और सैलरी की। हर राज्य में समान वेतन, समान कार्य हो गया लेकिन यूपी में नही हुआ है। यूपी की गवर्नमेंट सोयी बैठी है।

ऑडिट से सम्बन्धित है मामला - मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ0 शक्ति बसु ने बताया कि इन लोगों का मामला ऑडिट से सम्बन्धित है। जो आवास और बिजली को लेकर रिकवरी का ऑडिट का एक प्वाइंट है। उस पॉइंट को उनको अवगत कराया गया है। उसी सम्बन्ध में वह यहां पर वार्ता करने आये और उनकी बात सुनी गई है और सक्षम अधिकारियों के लिए कम्यूनिकेट कर दी गई है।



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Durgesh Sharma

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