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Kannauj News: बारिश-ओलावृष्टि से फसल बर्बाद, किसानों ने की मुआवजे की मांग
Kannauj News: जिले में बीती रात अचानक तेज आंधी के साथ हुई बारिश के साथ गिरे ओले से किसानों की फसलों में भारी नुकसान हुआ है।
Kannauj News: जिले में बीती रात अचानक तेज आंधी के साथ हुई बारिश के साथ गिरे ओले से किसानों की फसलों में भारी नुकसान हुआ है। जिले के सिंहपुर गांव में गेहूं और राई की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गयी है। जिससे किसान काफी हताश हैं। किसानों की समस्या को सुनकर मौके पर पहुंचे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नवाब सिंह यादव ने किसानों के दुख दर्द को बांटा और सरकार से मुआवजे की मांग की है। उन्होंने बताया कि किसानों ने कर्ज लेकर फसल में लागत लगाई है और इस नुकसान से उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार इन किसानों की आर्थिक मदद करते हुए बर्बाद हुई फसल की जांच कराकर नुकसान की भरपाई करे। हालांकि किसानों की परेशानी को देखते हुए मौके पर जिला प्रशासन ने भी किसानों की बर्बाद हुई फसल की जांच के लिए मौके पर जांच टीम भेजा है।
गेहूॅं और राई की फसल का हुआ नुकसान
पीड़िता महिला किसान गुड्डी ने बताया कि गेहूं, राई की फसल में बहुत नुकसान हुआ है। जिसमें कम से कम 6-7 बीघा फसल हमारी बर्बाद हो गयी है। सभी फसल बर्बाद हो गयी है। अब हम लोग कैसे रह पायेंगे। उधार लेकर खेत में पैसा लगाकर फसल करते हैं लेकिन सब फसल बर्बाद हो गई, अब कैसे गुजर बसर होगी। महिला किसान पीड़िता फूलमती ने बताया कि गेहूॅं व राई की फसल खराब हो गयी है। हम लोगों ने जेवर गिरवीं रखकर फसल लगायी थी। अब फसल भी बर्बाद हो गयी। अब हम आगे के लिए क्या करेंगे। कैसे बच्चों को पालेंगे। अब तो सरकार से यही मांग है कि हमारे नुकसान की भरपाई कर दें।
सपा नेता ने की सरकार से मुआवजे की मांग
सपा नेता नवाब सिंह यादव ने बताया कि तिर्वा तहसील की ग्राम सभा सिंहपुर के पूरे क्षेत्र में ओले गिरने के कारण फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गयी हैं। पकी हुई जो राई थी वह पूरी तरह खत्म हो गई। गेहूं को भी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि किसान बहुत मेहनत से फसल तैयार करता है। फसल से ही किसान के परिवार का जीविकापार्जन होता है। लेकिन फसल बर्बाद होने से किसान पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वह कर्ज में डूब गया है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि फसल के नुकसान का सर्वे कराकर और खेती को चिन्हित करके जहां-जहां नुकसान हुआ है। सरकार भरपाई करे। किसानों की और अगर ऐसा नही होता है तो यह भूखमरी की कगार पर किसान पहले ही था और अगर इन्हें आर्थिक सहायता नही मिलेगी तो इन परिवारों को आत्महत्या करने के अलावा और कुछ नही है क्यों कि यह कर्ज से दबे हुए है।