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Kannauj News: रेलवे ट्रैक पर मिला दो सगे भाइयों का शव, लोगों में फैली सनसनी

Kannauj News: मृतक सियाराम को कान से सुनाई नहीं देता था और श्री कृष्णा आंख से अंधे थे। इस कारण दोनों भाइयों ने विवाह भी नहीं किया और साथ ही रहते थे।

Pankaj Srivastava
Published on: 27 May 2024 2:25 PM IST (Updated on: 10 Aug 2024 6:54 PM IST)
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घटनास्थल पर मौजूद लोग (फोटो- सोशल मीडिया)

Kannauj News: कन्नौज जिले में रेलवे ट्रैक पर सगे भाइयों का शव मिलने से लोगों में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव के पास से मिले आधार कार्ड से पहचान कर परिजनों को सूचना दी। ट्रेन की चपेट में आने से दोनों भाइयों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

कन्नौज जिले के ग्राम जसोदा स्थित भट्टा गांव के सामने सुबह लगभग 6:00 बजे गुजर रहे लोगों ने रेलवे ट्रैक पर दो लोगों का शव पड़ा देखा। इसकी खबर लगते ही मौके पर स्थानीय लोगों का जमावड़ा लग गया। सूचना पर पहुंचे जसोदा चौकी प्रभारी सुनील कुमार चौधरी ने शव के पास से मिले आधार कार्ड से पहचान की और परिजनों को सूचना दी। मृतकों की पहचान तालग्राम के मोहल्ला गढ़ी गोखर निवासी सियाराम वाल्मीकि (75) व श्री कृष्णा वाल्मीकि (70) के रूप में की गई। जो सगे भाई हैं। लोगों का मानना है कि सुबह किसी समय ट्रेन की चपेट में आ जाने से दोनों भाइयों की मौत हो गई। पुलिस ने शवो का पंचनामा भरकर विधिक कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

मृतक की भतीजी के पुत्र वीरू वाल्मीकि ने बताया सियाराम को कान से सुनाई नहीं देता था और श्री कृष्णा आंख से अंधे थे। इस कारण दोनों भाइयों ने विवाह भी नहीं किया और साथ ही रहते थे। लगभग 15 वर्ष पूर्व दोनों ने घर मकान छोड़कर भगवा धारण कर लिया था। दोनों के पास कोई चल आचल संपत्ति भी नहीं थी। भीक्षा मांग कर दोनों जीवन यापन करते थे।

दो दिन पहले ही जसोदा में देखे गए थे दोनों

स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों वृद्धो को शनिवार को ही जसोदा में घूमते देखा गया था। दोनों साथ में भोजन, पैसा मांग कर जीवन यापन कर रहे थे। किसी समय रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से दोनों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है।



Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh from Kanpur. I Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During my career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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