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यह कैसे रिश्तेः दो बेटों और पत्नी के होते हुए तन्हाई में रह रहे बुजुर्ग की मौत

Kannauj News: शहर के ग्वाल मैदान में निवास करने वाले अरुण मिश्रा कानपुर की एक खाद कंपनी से रिटायर थे। घर में अकेले ही रहते थे। अरुण के दो बेटे प्रदुम्न और अक्षय साफ्टवेयर इंजीनियर हैं।

Pankaj Srivastava
Published on: 20 Jun 2024 12:10 PM GMT
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कन्नौज में दो बेटों और पत्नी के होते हुए तन्हाई में रह रहे बुजुर्ग की मौत (न्यूजट्रैक)

Kannauj News: ऐसा परिवार होने के क्या फायदा कि अपनों की सुध ना ली जा सके। तीन दिनों तक घर में अकेले रह रहे पिता का शव घर के अंदर सड़ता रहा और बेटे अपनी नौकरी करते रहे। वहीं पत्नी भी घटना से बेखबर रही। कन्नौज शहर के ग्वाल मैदान में निवास करने वाले अरुण मिश्रा कानपुर की एक खाद कंपनी से रिटायर थे। घर में अकेले ही रहते थे। अरुण के दो बेटे प्रदुम्न और अक्षय साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। प्रदुम्न अमेरिका तो अक्षय बैंगलोर में किसी कंपनी में काम करते हैं। अरुण की पत्नी बड़े बेटे प्रदुम्न के साथ अमेरिका में रहती हैं।

कुछ समय पहले अरुण कानपुर की एक खाद फैक्ट्री में काम करने के दौरान कानपुर की एल्डिगो सोसाइटी के पीछे फ्लैट में रहते थे। अरुण से आये दिन झगड़े के कारण पत्नी बेटे के साथ अमेरिका चली गईं थीं। वहीं रिटायरमेंट के बाद अरुण बीते 3 सालों से अपने कन्नौज स्थित पुस्तैनी मकान में रह रहे थे। कन्नौज स्थित मकान से जब बदबू आना शुरू हुआ तो आसपास के लोग परेशान हो गये। अनहोनी घटना की संभावना पर पुलिस को सूचना दी गई। जिसके बाद सीओ सदर कमलेश कुमार कोतवाली कन्नौज पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।


मकान के अंदर पहुंचकर देखा तो पता चला कि केबल तौलिया के सहारे एक शव जमीन पर पड़ा था। घर का दरवाजा भी अंदर से बंद था। घर का सारा सामान भी व्यवस्थित रखा हुआ था, इसलिये लूटपाट की भी संभावना नहीं थी। संभावना जताई गई कि 75 वर्षीय अरुण पानी की बाल्टी उठाने के दौरान करीब 72 घंटे पहले गिर गए होंगे और उनकी मौत हो गई होगी। घटना की जानकारी से जहां मोहल्ले में हड़कंप मच गया। वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना की सूचना से मृतक के बेटों को भी अवगत करवा दिया गया है। पुलिस ने अपनी कार्यवाही शुरू कर दी है। उधर मृतक का छोटा बेटा अक्षय अपने पिता का अंतिम संस्कार करने गुरुवार को कन्नौज पहुंचा और प्रक्रिया पूरी की गई।

भाग दौड़ भरी जिंदगी में तन्हा हो रहे रिश्ते

सवाल यह है कि कैसे रिश्ते हो गये हैं आज कल। कोई किसी से मतलब नहीं रखना चाहता, कोई किसी का हाल चाल नहीं लेना चाहता। भाग दौड़ भरी जिंदगी में टेंशन और काम का लोड अपनों को अपनों से अलग कर रहा है। शायद इसी जिंदगी की भाग दौड़ में दो बेटे और पत्नी होने के बाद भी एक पिता और पति की तीन दिनों तक सुध नहीं ली गई और घर में तन्हा रह रहे बुर्जुग की मौत हो गयी। यह वही पिता हैं, जिन्होंने अपने विदेश रह रहे बच्चों को उंगली पकड़कर चलना सिखाया था, और पत्नी को अपने सुख दुख का साथी बनाया था। बदलते हुये परिवेश में आखिर हमको अपने खून के रिश्तों के बारे में क्या सोचना नहीं चाहिए।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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