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Kannauj News: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भक्तों ने माँ गंगा में लगाई श्रद्धा की डुबकी‚ जानें इसका महत्व

Kannauj News: महादेवी गंगा तट का मेहंदी घाट पर शनिवार देर रात से ही लोगों का गंगा स्नान के लिए आना शुरू हो गया‚ दूर–दूर से लोग अपने–अपने संसाधनों से आ रहे थे।

Pankaj Srivastava
Published on: 21 July 2024 2:31 PM IST
Kannauj News
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गंगा में स्नान करते श्रद्धालु (Pic: Newstrack)

Kannauj News: यूपी के कन्नौज जिले में आषाणी की गुरु पूर्णिमा पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ महादेवी पतित पावनी माँ गंगा के घाट पर उमड़ पडी। जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम भी किए, ताकि किसी भी प्रकार से गंगा में स्नान करने वाले भक्तों को परेशानी न हो। गंगा स्नान के लिए बैरिकेडिंग के साथ–साथ जाल का भी प्रबंध किया गया और स्नान करने का एक दायरा भी बनाया गया। कोई अपने से जुदा न हो इसके लिए खोया पाया केंद्र की भी बनाया गया। इन सभी व्यवस्थाओं के साथ लोग सुबह से ही भारी संख्या में गंगा स्नान करने पहुंचे। किसी ने एकांत तो कई लोगों ने एक साथ गंगा घाट पर श्रद्धा की डुबकी लगाई। पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख, समृद्धि की कामना की।

महादेवी गंगा तट का मेहंदी घाट पर शनिवार देर रात से ही लोगों का गंगा स्नान के लिए आना शुरू हो गया‚ दूर–दूर से लोग अपने–अपने संसाधनों से आ रहे थे। श्रद्धालु जालौन, औरैया, कानपुर देहात, इटावा, हमीरपुर, सीतापुर, हरदोई‚ झांसी‚ भिण्ड और मैनपुरी जिले के सैकड़ों की संख्या में पहुंच रहे थे। भीड़ देख जिले के आलाधिकारियों ने गंगा घाट के रास्तों में कई जगहों पर पुलिस की टीमें लगाई ताकि कोई भी भारी वाहन अंदर न आ सके। पुलिस प्रशासन की सक्रियता के कारण श्रद्धालु भीड़ में भी आराम से गंगा स्नान करने महादेवी घाट तक पहुंच रहे थे। गंगा में डुबकी लगाते हुए श्रद्धालु पूजा–अर्चना भी कर रहे थे। कोई दान–पुण्य करने में जुटा था तो कोई गंगा मइया का तिलक लगाने में‚ कुछ लोग गंगा के अंदर सुरक्षा सीमा के बाहर भी नहाते दिखे। हालांकि प्रशासन की ओर से गंगा स्नान की सुरक्षा सीमा के अंदर नहाने के बार–बार निर्देश दिये जाने के लिए लाउडस्पीकर से एनाउंस भी किया जा रहा था। इसके बावजूद कुछ लोग सुरक्षा सीमा से बाहर गंगा में स्नान कर डुबकी लगाते दिखे। वहीं महिला पुलिस को भी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया।


गंगा स्नान के समय किया हुआ दान होता है मोक्षदायी

आचार्य करुणा शंकर पाण्डेय ने बताया कि हम किसी भी प्रकार से कोई दान करते है वह हमारे कल्याणार्थ होता है, यदि हम गंगा स्नान करके किसी ब्राह्मण या गंगा पुत्र काे दान देते हैं तो वह हमारे लिए सीधा–सीधा मोक्षदायी होता है। उसका अन्यन्य फल प्राप्त होता है। ऐसा हमारे ग्रंथो में लिखा है।


सावन-भादौ दो महीने न करें गंगा जी का स्नान

आचार्य करुणा शंकर पाण्डेय ने बताया कि गंगा अषाणी इसलिए होता है कि जब आज से गुरु पूर्णिमा से बरसात प्रारम्भ हो जाती है। तो बरसात प्रारंभ से प्रायः हमारे ग्रंथो में ऐसा बताया जाता है कि गंगा जी, जो हैं वह रजसुला मानी जाती है। रजसुला होने अभिप्राय हो जाता है कि फिर अभी गंगा स्नान नहीं करना चाहिए। क्योंकि गंगा ने एक समय मनुष्यरूप धारण किया था। आज वह हमारे सामने भले ही धारा रूप में है परन्तु किसी समय उन्होंने भी मनुष्य का शरीर धारण किया था। श्रीमद्भागवत में ऐसे अभिलेख मिलते है। इसलिए दो महीने गंगा स्नान वर्जित होता है‚ केवल जा करके गंगा को नतमस्तक करना चाहिए‚ गंगा जलपान करना चाहिए‚ गंगा के जल को अपने ऊपर छिड़काव करना चाहिए‚ परन्तु प्रवेश करके गंगा स्नान नही करना चाहिए।





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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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