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Kannauj News: खाद की किल्लत से किसान परेशान, नहीं मिली खाद तो बेकार हो जाएगी फसल

Kannauj News: किसानों का कहना है कि आलू की बुवाई के लिए हमारे पास सिर्फ 8-10 दिन बचे हैं। अगर इस समय जरूरत के हिसाब से खाद नहीं मिली तो आलू की फसल खराब हो जाएगी।

Pankaj Srivastava
Published on: 24 Oct 2024 7:00 PM IST (Updated on: 24 Oct 2024 7:19 PM IST)
Kannauj News: खाद की किल्लत से किसान परेशान, नहीं मिली खाद तो बेकार हो जाएगी फसल
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Kannauj News (Pic- Newstrack)

Kannauj News: कन्नौज जिले में आलू की बुवाई शुरू हो गई है, लेकिन किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है। जिससे किसान परेशान हैं और सरकारी खाद गोदामों के चक्कर लगा रहे हैं। किसानों का कहना है कि आलू की बुवाई के लिए हमारे पास सिर्फ 8-10 दिन बचे हैं। अगर इस समय जरूरत के हिसाब से खाद नहीं मिली तो आलू की फसल खराब हो जाएगी। मामले में कृषि अधिकारी का कहना है कि किसानों को जितनी खाद की जरूरत है, उतनी नहीं मिल पा रही है। इसलिए जैसे ही खाद आएगी, उन्हें उपलब्ध करा दी जाएगी। आपको बता दें कि कन्नौज जिले में बड़ी संख्या में किसान आलू की खेती करते हैं।

इस समय आलू की बुवाई जोरों पर चल रही है। वहीं जिले में करीब 40 फीसदी क्षेत्रफल में आलू की बुवाई हो चुकी है। खाद को लेकर कोई दिक्कत न आए, इसके लिए डीएम ने सहकारी समितियों का निरीक्षण कर जोत के हिसाब से कटाई करने के निर्देश दिए हैं। वहीं मामले में किसानों का कहना है कि उन्हें जरूरत के हिसाब से खाद नहीं मिल पा रही है। उनके पास सिर्फ 8-10 दिन बचे हैं, जब आलू की रोपाई होनी है, अगर इस समय उन्हें जरूरी खाद नहीं मिली तो आलू की फसल बर्बाद हो जाएगी।

इस मामले में कृषि अधिकारी आवेश कुमार ने माना कि किसानों को जितनी खाद की जरूरत है उतनी नहीं मिल पा रही है। उनका कहना है कि जितनी खाद आ रही है, हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी किसानों को उपलब्ध हो सके, इसलिए सभी किसानों को उनकी जोत के हिसाब से खाद दी जा रही है और जैसे-जैसे खाद आगे आएगी, उन्हें अतिरिक्त खाद भी मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां के किसान डीएपी का अधिक प्रयोग करते हैं। इसकी कमी है, जबकि एनपीके खाद भरपूर मात्रा में उपलब्ध है।

साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार खाद के प्रयोग का अनुपात तीन बीघा में एक बोरी बताया गया है, जबकि यहां के किसान एक बीघा में 1 से 2 बोरी डीएपी खाद का प्रयोग करते हैं, जो खेत के लिए नुकसानदायक भी है।



Ragini Sinha

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