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Kannauj News: सावन के पहले सोमवार पर सुबह से ही उमड़ पड़ी शिव भक्तों की भीड़
Kannauj News: सावन भगवान शिव और चंद्र देव का महीना माना जाता है। वैसे तो सावन का पूरा महीना ही शुभ है, लेकिन इसमें सोमवार के दिन का विशेष महत्व माना जाता है।
Kannauj News: यूपी के कन्नौज जिले में आज सावन का पहला दिन सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ देखने को मिली। आज श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस वर्ष सावन माह का शुभारंभ सोमवार से होना ज्यादा शुभ माना जा रहा है और इसका समापन भी सोमवार के दिन होगा। यह संयोग 72 साल के बाद देखने को मिल रहा है। आज सावन के पहले सोमवार के दिन 2 शुभ योग भी बने हैं। पहला प्रीति योग और दूसरा सर्वार्थ सिद्धि योग है। सर्वार्थ सिद्धि योग में जो भी कार्य करेंगे, वह पूर्ण रूप से सफल होंगे।
आपको बताते चलें कि सावन भगवान शिव और चंद्र देव का महीना माना जाता है। वैसे तो सावन का पूरा महीना ही शुभ है, लेकिन इसमें सोमवार के दिन का विशेष महत्व माना जाता है और इस बार इस सोमवार का महत्व और ज्यादा है क्यों कि सावन के पहले दिन ही सोमवार पड़ गया। सावन की शुरुआत और समापन दोनों सोमवार के दिन ही होने से इस सावन में सोमवार भी पांच पड़ रहे है । सावन की शुरुआत चंद्रमा के नक्षत्र 'श्रवण' में हो रही है‚ सावन में 72 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग देखने को मिल रहा है। जिससे इस बार शिव भक्तों को भगवान भोलेनाथ की कृपा का सीधा फल प्राप्त होगा‚ इससे शिव भक्तों को समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है।
कन्नौज में स्थित है प्राचीन शिव मंदिर
कन्नौज जिले में छठवीं शताब्दी का प्राचीन शिव मंदिर बाबा गौरीशंकर मंदिर शहर के बीचों बीच स्थित है। इस मंदिर के शिवलिंग की अद्भुत खासियत है। सबसे पहले तो यह शिवलिंग स्वयंभू शिवलिंग है‚ जिसका न आदि है और न अंत क्यों कि ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर के शिवलिंग को 51 शक्तिपीठ में से यह शिवलिंग भी गिना जाता है।
माता सती का कान गिरने से इस जगह पर शिवलिंग की उत्पत्ति हुई तब से लेकर आज तक इस शिवलिंग की पूजा होती चली आ रही है। राजा हर्षवर्धन के साम्राज्य में इस मंदिर में 1001 पुजारी पूजा–अर्चना के लिए नियुक्त थे। जो मंदिर में पूजा अर्चना के साथ ही इस शिवलिंग की देखरेख भी करते थे। सावन के दिनों में काफी बड़ी संख्या में भक्तों की अपार भीड़ देखने को मिलती है। आज सोमवार के पहले ही दिन सुबह 4 बजे से ही भक्तों की भीड़ मंदिर में बाबा गौरीशंकर के दर्शन को आने लगे और मंदिर प्रांगण में ढोल और तासों के साथ महिलाएं भजन करने लगी। शिव भक्तों का कहना है कि यहां आकर सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती है और वह बाबा के दरबार में दर्शन को रोजाना आते है।