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Kannauj News: टूट रही न्याय की आस, एक फरियादी बोला, मैं गलत तो गोली मार दी जाय मुझे
Kannauj News: प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित होने वाले थाना और तहसील दिवस को लेकर पीड़ित फरियादियों को त्वरित न्याय देने का फरमान केवल फरमान बन कर रह गया है।
Kannauj News: उत्तरप्रदेश सरकार की मंशा क्या है, ये तो पता नहीं, पर पीड़ितों को न्याय दिलाने के दावे खोखले साबित होते साफ नजर आ रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित होने वाले थाना और तहसील दिवस को लेकर पीड़ित फरियादियों को त्वरित न्याय देने का फरमान केवल फरमान बन कर रह गया है। अपनी समस्याओं को लेकर स्थानीय स्तर से लेकर जिलास्तर के अधिकारियों के चक्कर काट काट कर थक चुके पीड़ित महिला-पुरुष फरियादी अब शासन से न्याय की मंशा रखना छोड़ चुके हैं।एक पीड़ित फरियादी तो यहां तक कहने लगा, कि उसको जिले के डीएम तक से समस्या के निदान की गुहार लगाने के बाद भी न्याय नहीं मिला। फरियादी बोला, कि अगर मैं गलत हूं तो मेरे गोली मार दी जाय।
बताते चलें कि प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त आदेश है, कि प्रदेश की पीड़ित जनता की समस्याओं को थानों से लेकर जिलों पर बैठे अधिकारी प्रमुखता से हल करायें। जरूरत पड़े तो संबंधित कर्मियों से लेकर अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर समस्या का निदान करवायें, और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करें। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी जिले में आयोजित थाना और तहसील दिवस में उमड़ने वाली भीड़ जहां हर बार अपनी अपनी समस्याओं को लेकर न्याय पाने की आस में उमड़ पड़ती है, वहीं गिने चुने लोगों के ही न्याय मिल पाता है। ऐसे में बड़ी संख्या में महिला पुरुष फरियादी दर्जनों वार अपनी अपनी शिकायतों का प्रार्थनापत्र देते देते और न्याय पाने के लिये दौड़ लगाते लगाते टूटते नजर आ रहे हैं।
शनिवार को एक बार फिर जिले में तहसील मुख्यालयों से लेकर थानों में भी थाना दिवसों का आयोजन किया गया। फिर वही हाल, पीड़ित फरियादियों की भीड़ का मजमा। कुछ को न्याय मिला तो एक बार फिर तमाम फरियादियों के हाथ निराशा ही लगी।ठठिया थाना दिवस में तो पीड़ित शासन के इस न्याय के दरबार से परेशान और गुस्से में नजर आये। थाना क्षेत्र के डडियन गांव निवासी भूतपूर्व सैनिक देवकी नंदन तो न्याय पाने की दौड़ लगाकर इतना टूट चुके हैं, कि बोले थाना से लेकर डीएम तक के चक्कर काट कर थक चुके, पर भू माफियाओं से प्रताड़ित उनको न्याय नहीं मिल सका। इसी प्रकार रहमतपुर की हसीना बेगम पत्नी दबंगों से प्रताड़ित हैं, अपनी ही जमीन पर खेती नहीं कर पा रही हैं, चक्कर लगा लगा कर थक चुकने की बात कहते हुये बोली, नहीं मिल पा रहा न्याय।
जैनपुर गांव की मोमिना बेगम पत्नी समीद खां बोली, कई प्रार्थनापत्र दिये, दौड़ दौड़ कर थक चुके, पर नहीं मिला तो न्याय। बोलीं कि, जमीन पर कब्जा किये दबंग धौंस दिखाते हैं कि सरकार मेरी है, कब्जा नहीं छोड़ेंगे। जिले में बड़ी संख्या में महिला पुरुष फरियादी ऐसे हैं कि, जो शासन के इस न्याय दिवस में अपनी अपनी समस्याओं का निदान पाने को पिछले काफी लंबे समय से इन थाना और तहसील दिवसों के चक्कर लगा लगा कर थक चुके हैं। पैसा खर्च, समय बर्बाद होने के अलावा कई परेशानियां उठाने के बाद भी आखिर इन पीड़ितों को नहीं मिल सका तो सिर्फ न्याय।