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Kannauj: गोल्ड मेडल विजेता मनु पाल बोलीं- 'फाइनेंशियल प्रॉब्लम बनती है रोड़ा, मदद मिले तो...'

Kannauj News: खिलाड़ी मनु कुमारी पाल ने बताया कि, वह एक छोटे से कस्बे छिबरामऊ की रहने वाली हैं। उनके आगे सबसे बड़ी फाइनेंशियल प्रॉब्लम है। क्योंकि, उनके पास कोई जाॅब नहीं है। किसी से कोई सपोर्ट भी नहीं मिल रहा।

Pankaj Srivastava
Published on: 8 Nov 2023 4:57 AM GMT
Kannauj News
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अंतरराष्ट्रीय लॉन बाल्स प्लेयर मनु कुमारी पाल (Social Media) 

Kannauj News: अंतरराष्ट्रीय लॉन बाल्स प्लेयर मनु कुमारी पाल (Manu Kumari Pal) ने मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता में भारत को गोल्ड मैडल दिलाकर देश का नाम रोशन किया था। उनकी इस सफलता से कन्नौज वासी भी गौरवान्वित महसूस करते रहे हैं। अब एक बार फिर मनु प्रदेश का गौरव बढ़ाने के लिए 37वें राष्ट्रीय खेल में हिस्सा लेने गोवा पहुंची। वहां उन्होंने इस प्रतियोगिता में जीत हासिल करने का दावा किया। उन्होंने कहा, हर बार की तरह इस बार भी खेल में जीत हासिल करते हुए देश और उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करेंगी।

आपको बता दें, कि मलेशिया में आयोजित मलेशियन ओपन ट्रिपल्स में भारत की तरफ से मनु पाल, पुतुल व मृदुल ने भाग लिया था। 28 अगस्त 2019 से एक सितंबर 2019 तक हुए इस आयोजन में विभिन्न देशों की कुल 48 टीमों ने हिस्सा लिया था। जिसमें कन्नौज की बेटी मनु ने क्वार्टर फाइनल में कोरिया को 35-09 से हराकर सेमीफाइनल प्रवेश किया था। जहां हांगकांग को 23-10 से पराजित किया था। इसके बाद मनु कुमारी पाल ने फाइनल मैच में मलेशिया को 16-09 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। अब एक फिर से उन्हें खुद को साबित करने का मौका मिला है। 37वें राष्ट्रीय खेल में प्रतिभाग करने के लिए गोवा पहुंची हैं।

राष्ट्रीय युवा शक्ति सम्मान और यश भारती से सम्मानित

खिलाड़ी मनु कुमारी पाल की प्रतिभा को लेकर उन्हे कई बार सम्मानित किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के समय उन्हे 'राष्ट्रीय युवा शक्ति सम्मान' से यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सम्मानित किया था। यह सम्मान उत्तर प्रदेश में कला, खेल, लीडरशिप, संगीत व सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले युवाओं को दिया जाता है । इससे पूर्व भी मनु कुमारी पाल को यश भारती सम्मान दिया जा चुका है ।

पिता बोले- बेटी ने हमेशा किया नाम रोशन

मनु के पिता रामनारायण पाल का कहना है कि उनकी बेटी ने परिवार व क्षेत्र के साथ देश का नाम हमेशा रोशन किया है। ऐसी बेटी के पिता होने पर वह अपने को बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं'। बताते चलें कि इससे पहले भी मनु ने देश को कई मेडल दिए हैं, साथ ही वह नारी सशक्तिकरण की दिशा में भी काम कर रहीं हैं।

मनु कुमारी- फाइनेंशियल प्राबलम बनती है रोड़ा

फोन पर बातचीत के दौरान खिलाड़ी मनु कुमारी पाल ने बताया कि, वह एक छोटे से कस्बे छिबरामऊ की रहने वाली हैं। उनके आगे सबसे बड़ी फाइनेंशियल प्रॉब्लम है। क्योंकि, उनके पास कोई जाॅब नहीं है। किसी से कोई सपोर्ट भी नहीं मिल रहा। जो भी खर्च आने-जाने और प्रतिभाग करने में आता है, वह पापा ही करते है। चाहें वह किसी प्रकार से लोन लेकर करें या कैसे भी? क्योंकि उनको सिर्फ पेंशन ही मिलती है। वह सीआरपीएफ से रिटायर्ड हैं। उनकी कोशिश रहती है कि शायद मेरे लिए कहीं कमी न आए। जितना हो सके, वह मेरे लिए हर कमी पूरी करने की कोशिश करते है। अभी तक कोई भी हेल्प नही मिली है, जिससे उनको फाइनेंशियल प्राबलम का सामना करना पड़ता है।'

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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