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Kannauj News: इंदौर में डिजिटल अरेस्टिंग कर हुई ठगी, रकम खाते में डलवाने वाले मदरसों की मान्यता होगी खत्म, जानें पूरा मामला
Kannauj News: मदरसा बोर्ड में मान्यता के लिए कई नियम हैं, जिसमें मदरसे का खाता सरकारी बैंक में खोलना भी शामिल है, लेकिन अली अहमद ने साइबर ठगी के लिए जिस तरह से नियमों को तोड़कर निजी बैंक में खाता खुलवाया, वह गलत है
Kannauj News: डिजिटल गिरफ्तारी के जरिए खाते में रकम जमा करवाने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर के मदरसों की मान्यता रद्द की जाएगी। कन्नौज जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मामले में सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। डीएमओ का कहना है कि मान्यता प्राप्त मदरसे का खाता निजी बैंक में खुलवाना नियम विरुद्ध है। इसके बाद इस तरह से साइबर ठगी कर उसमें रकम जमा करवाना बड़ा अपराध है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने अली अहमद के दोनों मदरसों की मान्यता रद्द करने के लिए मदरसा शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखा है। कन्नौज के तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के सतौरा गांव निवासी मदरसा संचालक अली अहमद और उसके बेटे असद अहमद को इंदौर पुलिस ने एक सप्ताह पहले उठाया था।
दोनों पर आरोप है कि उन्होंने आधे हिस्से के लालच में मदरसे के खाते की जानकारी साइबर जालसाजों को दे दी थी। साइबर जालसाजों ने डिजिटल गिरफ्तारी के जरिए करीब डेढ़ करोड़ की ठगी कर रकम मदरसा फलाह दारैन साबिरी के खाते में जमा करवा ली थी। इस मामले में अब अली अहमद के दोनों मदरसों की मान्यता उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड रद्द करेगा।
कन्नौज के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि दोनों मदरसों को वर्ष 2017 में मान्यता मिली थी। मदरसा बोर्ड में मान्यता के लिए कई नियम हैं, जिसमें मदरसे का खाता सरकारी बैंक में खोलना भी शामिल है, लेकिन अली अहमद ने साइबर ठगी के लिए जिस तरह से नियमों को तोड़कर निजी बैंक में खाता खुलवाया, वह गलत है।
उन्होंने यह भी कहा कि निरीक्षण के दौरान मदरसे में कोई छात्र या छात्रा नहीं मिली। माना जा रहा है कि अली अहमद ने ठगी और अपराध के जरिए आने वाले पैसों के लिए ही निजी बैंक में मदरसे का खाता खुलवाया था। जिसके बाद उसके संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।