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Kannauj News: नवाब सिंह रेपकांड में आया बड़ा खुलासा, जेल में बंद दोनों भाइयों की मिलाई पर पुलिस को मिले ये सबूत
Kannauj News: यूपी के कन्नौज जिले में बहुचर्चित नवाब सिंह रेपकांड और तूल पकड़ता जा रहा है। भले ही इस मामले में नवाब सिंह यादव और उसका छोटा भाई नीलू यादव पाक्सो और गैंगेस्टर मामले में जेल में बंद हैं, लेकिन उनके समर्थकों ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है।
Nawab Singh rape case update police found evidence against both brothers in jail (Photo: Social Media)
Kannauj News: यूपी के कन्नौज जिले में बहुचर्चित नवाब सिंह रेपकांड और तूल पकड़ता जा रहा है। भले ही इस मामले में नवाब सिंह यादव और उसका छोटा भाई नीलू यादव पाक्सो और गैंगेस्टर मामले में जेल में बंद हैं, लेकिन उनके समर्थकों ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है। जिसकी जांच में जो सामने आया है वह बेहद चैंका देने वाला है। सीओ सिटी ने जेल में जाकर मामले की जांच की तो पता चला कि नवाब सिंह और नीलू यादव से मिलने के लिए जो समर्थक जाते है वह अन्य कैदियों की फर्जी पर्ची तैयार करके एक झुंड में मिलाई करने जाते है, यह राज तब सामने आया जब सीओ सिटी कमलेश कुमार ने जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले और देखा कि एक साथ कई समर्थक नवाब सिंह यादव और नीलू यादव से मिलने पहुंचे, पुलिस का कहना है यह समर्थक वही है जो इससे पहले मेडिकल कालेज में पुलिस के साथ उपद्रव भी कर चुके है। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस अब उच्चस्तरीय जांच की बात कह रही है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर कमलेश कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि देखिए यह जो पत्र है अधिवक्ता अरविन्द सिंह चौहान ने घटना 8 मार्च की दिखाई थी, वह श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय को एक प्रार्थनापत्र दिया था। उस प्रार्थनापत्र के आधार पर जांच मुझे आवंटित हुई थी, इसमें जांच की जा रही थी, उसकी रिपोर्ट मैने बनाकर जो है पुलिस अधीक्षक महोदय को सम्मिट कर दी गई है। उसमें कुछ कार्यवाही की भी संस्तुति की गई है। मेरे द्वारा वहां जो है वहाॅं के रजिस्टर मिलान रजिस्टर, पर्चियां जहाॅं लगती है, उनका अवलोकन किया गया। उसमें कुछ जो है अनियमितताएं पाई गई है। इसके अतिरिक्त वहाॅं जो मिलान होती है। अंदर सीसीटीवी लगे हुए है। उन सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन किया गया तो 8 तारीख को जो है नवाब सिंह यादव और नीलू यादव जो मुकदमा अपराध संख्या 681/24 पाक्सो के मामले में, गैंगेस्टर के मामले में जेल में निरूद्ध हैं। इन लोगों से इनके समर्थक बड़ी संख्या में लगभग 35 से 40 की संख्या में वहाॅं मिलते हुए दिखाई दे रहे है।
इससे पहले भी मेडिकल कालेज में कर चुके हैं यह लोग उपद्रव
पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर कमलेश कुमार ने आगे कहा कि यह वही लोग है जो 03.02.2024 को जब नीलू यादव तिर्वा मेडिकल कालेज बीमारी के समय लाए गए थे तो वहां पर इन लोगों ने उपद्रव किया था, तो इसमें जो है मेरे द्वारा जाॅंच की गई है। सारे साक्ष्य संकलित किए गए है। कुछ कैदियों के बयान लिए गए है। कुछ बाहर के लोगों के बयान लिए गए है। डाक्यूमेंट इकट्ठे किए गए हैं और यह तथ्य प्रकाश में आया है कि इनलीगल तरीके से जिन कैदियों के परिजन मिलने नही आते, उन कैदियों के नाम राजेश यादव को दिए जाते थे बाहर और उन कैदियों के नाम के सापेक्ष तीन-तीन लोगों को आवंटित करके अंदर नवाब सिंह और नीलू यादव से मुलाकात कराई जा रही थी।
जेल की सुरक्षा को खतरा, जांच में आया सामने : सीओ सिटी
पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर कमलेश कुमार ने आगे बताया कि इस तरीके से जेल की सुरक्षा को भी खतरा किया जा रहा था, साथ ही साथ वहाॅं पर जो अन्य कैदी किसी उसमें बंद है उनकी भी सुरक्षा को खतरा पैदा किया गया है। तो इसमें मेरे द्वारा जो प्रारंभिक जांच की गई है। कुछ तथ्य संकलित किए गए है। कुछ लोगों को आइडेंटिफाई करके उनके नाम प्रकाश में लाए गए है। साथ ही साथ एक उच्च स्तरीय जांच के लिए संस्तुति की गई है कि उच्च स्तरीय जांच करके यह पता लगाया जाए कि आखिर इस षड्यंत्र में कौन-कौन से लोग सामिल रहे है।
जेल में कैदियों से मिलाई का काम करता है राजेश यादव
पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर कमलेश कुमार ने बताया कि राजेश यादव वह हैं जो 2011 से वहां पर पर्ची लगाने का काम कर रहे है और इसके बारे में भी जानकारी ली गई है कि कैसे टेंडर इनका बदला नही गया, 2011 से अकेले कैसे टेंडर है और कुछ तथ्य ऐसे भी प्रकाश में आए है कि यह उनके करीबी है, तो इसकी भी उच्चस्तरीय जांच की संस्तुति की गई है और इसमें जो है आगे की कार्यवाही उच्चस्तरीय जांच के पश्चात मेरे द्वारा जो जांच की गई है उसमें इनके दो अपनी जांच में जेल ट्रांसफर के लिए संस्तुति की गई है ताकि इनको अलग-अलग जेलों में दूरस्थ ट्रांसफर किया जाए ताकि इस तरह से दोबारा जो है रिपीटीशन न हो, साथ ही साथ एक उच्चस्तरीय जांच कराने के लिए मेरे द्वारा संस्तुति की गई है।