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Kannauj News: नवाब सिंह यादव रेपकांड में दोषी बुआ की जमानत पर नहीं हुई सुनवाई, दी गई नई तारीख

Kannauj News: शासकीय अधिवक्ता नवीन चन्द्र दुबे ने बताया कि जमानत प्रार्थनापत्र पर अभी सुनवाई नही हुई है। आज पुलिस प्रपत्र और थाने की आख्या नहीं आ पाई थी।

Pankaj Srivastava
Published on: 5 Sept 2024 7:45 PM IST (Updated on: 5 Sept 2024 9:26 PM IST)
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Kannauj News (Pic: Newstrack)

Kannauj News: यूपी के कन्नौज जिले में आज नवाब सिंह यादव रेप कांड मामले में सुनवाई होनी थी, जिसमें नवाब सिंह यादव की सहयोगी अभियुक्ता पूजा तोमर की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन पुलिस प्रपत्र पूरे न हो पाने के कारण आज किसी भी तरह से कोर्ट में सुनवाई नही हो सकी है। जिससे अदालत ने इस मामले में अग्रिम तारीख बढ़ाकर 7 सितम्बर कर दी है। अब अभियुक्ता बुआ की जमानत प्रार्थनापत्र पर अग्रिम सुनवाई दो दिन बाद की जायेगी।

आज होनी थी सुनवाई

आपको बताते चलें कि नवाब सिंह रेप कांड में सहयोगी बनी बुआ को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसके बाद बुआ के अधिवक्ता ने कोर्ट में जमानत प्रार्थनापत्र डाला था, जिसपर आज सुनवाई होनी थी। लेकिन इस मामले में कोर्ट ने आगे तारीख बढ़ाकर 7 सितंबर कर दिया है। जिसको लेकर शासकीय अधिवक्ता नवीन चन्द्र दुबे ने बताया कि जमानत प्रार्थनापत्र पर अभी सुनवाई नहीं हुई है। आज पुलिस प्रपत्र और थाने की आख्या नहीं आ पाई थी। जिस कारण सुनवाई के लिए अभियोजन ने समय चाहा था और दो दिन का न्यायालय ने समय दिया है, दो दिन बाद उसमें सुनवाई के लिए 7 तारीख नीयत की है।

पुलिस फर्जी साक्ष्य बनाकर उनके खिलाफ कर रही है तैयार: अधिवक्ता

अभियुक्ता बुआ के अधिवक्ता भूपेन्द्र तोमर ने बताया कि पूर्व में हमने जमानत प्रार्थनापत्र अभियुक्ता पूजा तोमर को लेकर दिया था। उसमें आज की तारीख में सुनवाई होनी थी लेकिन पुलिस की तरफ से स्टेटमेंट दिया गया कि हमारे पास केस डायरी अभी कम्पलीट नहीं है। उनको समय चाहिए, हकीकत तो यह है कि उनके पास अभियुक्ता के खिलाफ कोई साक्ष्य ही नहीं है। अब पुलिस फर्जी साक्ष्य बनाकर उनके खिलाफ तैयार कर रही है। इसीलिए वह अपना समय चाह रहे हैं।

इस मामले में होनी थी सुनवाई

इसी मुकदमे में अभियुक्त नवाब सिंह के भाई नीलू यादव ने भी आत्मसमर्पण किया है वह जेल गये है तो उनका पीसीआर और अभियुक्ता पूजा तोमर का पीसीआर लेने के लिए चार नवंबर को एक प्रार्थनापत्र आयु महोदय द्वारा न्यायालय में दिया गया था। उसमें भी आज सुनवाई होनी थी। बहस होने के दौरान आयु महोदय ने जो प्रार्थनापत्र दिया था वह लेने योग्य नहीं था। क्योंकि वह किसी पुलिस के राजपत्रित अधिकारी द्वारा अग्रसारित नहीं था। अदालत ने उसकी कमियों को देखा तो उसको डिस्पोज ऑफ कर दिया है। साथ ही डायरेक्शन दिया कि वह एक नये तरीके से पेश करें।



Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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