Kannauj News: समाज कल्याण विभाग का कर्मचारी रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार

Kannauj News: विभागीय मंत्री असीम अरुण से छात्र की शिकायत के बाद विभागीय कर्मचारी को कन्नौज पुलिस ने किया गिरफ्तार।

Pankaj Srivastava
Published on: 22 July 2024 11:29 AM GMT
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Kannauj News: प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अभी 24 घंटे पहले ही जहां कन्नौज जिला प्रशासन ने एक कानूनगो (राजस्व निरीक्षक) को रिश्वतखोरी के मामले में जांच के बाद निलंबित कर दिया था वहीं सोमवार को एक नया मामला रिश्वतखोरी का सामने आने के बाद समाज कल्याण विभाग के एक कर्मचारी को कन्नौज पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।

कर्मचारी ने छात्र से काम करवाने का वादा करके रुपए की मांग की

बताते चलें कि समाज कल्याण विभाग में तैनात कर्मचारी 28 वर्ष हृदेश कुमार निवासी पुत्र राकेश कुमार निवासी ग्राम बखाइया थाना सैफई जिला इटावा की शिकायत कन्नौज जिले के तिर्वागंज के रहने वाले एक छात्र ममतांजय कुमार जो डीएलएड का छात्र है, इसके द्वारा छात्रवृत्ति के लिये आवेदन किया गया था। जब छात्र को पता चला कि उसका आवेदन निरस्त हो गया है तो वह कन्नौज विभागीय कार्यालय पहुंचा। यहां उसकी मुलाकात सुपरवाइजर हृदेश कुमार से हुई। मामला बताने पर कर्मचारी ने छात्र से काम करवाने का वादा करने रुपए की मांग की। इसके बड़ छात्र द्वारा मार्च 2024 में मांगी गई रिश्वत का 8250 रुपये फोन पे के माध्यम से सुपरवाइजर के खाते में ट्रांसफर कर दिये। इसके बाद भी जब लंबे इंतजार के बाद छात्र का काम नहीं हुआ तो उसने कर्मचारी से बात की, लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।अपने को ठगा हुआ महसूस कर आखिर छात्र ने मामले की शिकायत जिले के सदर विधायक और समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण से की। मंत्री द्वारा मामले की जांच कराये जाने के बाद रिश्वत का मामला सही पाया गया। ऐसे में मंत्री द्वारा स्वयं कर्मचारी के खिलाफ पुलिस को कार्यवाही के लिये लिखित रूप से पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की गई।

रिश्वतखोरी के आय दिन सामने आने वाले प्रकरणों से प्रदेश सरकार की छवि धूमिल

मंत्री द्वारा विभागीय कर्मचारी के खिलाफ लिये गये एक्शन के बाद हरकत में आई पुलिस ने कन्नौज एसपी अमित कुमार आनंद के निर्देशन में सुपरवाइजर हृदेश कुमार को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। बताते चलें कि रिश्वतखोरी के एक ऐसे ही मामले बीते 24 घंटे पूर्व जमीन की पैमाइश और कब्जा दिलाने के मामले में छिबरामऊ के कसावा निवासी विश्वनाथ से 50 हजार रुपये की रिश्वत लिये जाने के मामले में राजस्व निरीक्षक ओम प्रकाश दुबे को डीएम सुभ्रांत कुमार शुक्ल द्वारा जांच के आदेश के बाद निलंबित कर दिया गया है। खास बात यह रही कि इस कानूनगो को ठठिया में तैनाती के दौरान तहसील तिर्वा प्रशासन नई बचाने का बहुत प्रयास किया, और केबल औपचारिक कार्यवाही करते हुए विगत तिर्वा ट्रांसफर कर दिया था। वही मामला तूल पकड़ने और रिश्वतखोरी का आडियो वायरल होने के बाद जिले के एडीएम आशीष कुमार सिंह द्वारा की गई जांच के बाद डीएम ने राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर दिया। रिश्वतखोरी के आय दिन सामने आने वाले प्रकरणों से लगातार प्रदेश सरकार की छवि धूमिल होती जा रही है।

Shalini singh

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