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Kannauj News: पूर्व विधायक अनिल दोहरे के अंतिम संस्कार पर राजकीय सम्मान न मिलने से नाराज हुए सपाई, कलेक्ट्रेट पहुंचकर जताया आक्रोश
Kannauj News: राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा, कहा-अंतिम संस्कार से पहले राजकीय सम्मान ना देना भाजपा की दोहरी नीति है।
Kannauj News: कन्नौज सदर विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे पूर्व विधायक अनिल दोहरे के अंतिम संस्कार पर राजकीय सम्मान न मिलने से सपा जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में दर्जनों नेताओं ने पुलिस सम्मान न दिए जाने के निर्णय में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
कन्नौज समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष कलीम खान के नेतृत्व में सपा के पूर्व विधायक पूर्व प्रत्याशी व दर्जनों नेताओं के साथ जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि समाजवादी पार्टी के सदर विधानसभा से लगातार तीन बार विधायक रहे अनिल दोहरे की लंबी बीमारी के चलते इलाज के दौरान पीजीआई लखनऊ में निधन हो गया था।
अंतिम संस्कार से पहले राजकीय सम्मान नहीं मिला
उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निजी आवास नसरापुर पहुंचा, जहां अगले दिन अंतिम संस्कार मेहंदी घाट कन्नौज में किया गया। पूर्व विधायक अनिल दोहरे के असमय निधन की सूचना समाजवादी पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ताओं के साथ पूरे जनपद के लोगों के मन को विचलित कर गई वहीं उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी आए थे, लेकिन अंतिम संस्कार से पहले राजकीय सम्मान ना देना यह भाजपा की दोहरी नीति है।
तिर्वा से सपा के विधानसभा प्रत्याशी रहे अनिल पाल ने कहा कि भाजपा सरकार दलितों की सोसाइटी और दलितों की बात करती है लेकिन जब एक दलित जबकि वह एसटी-एससी के अध्यक्ष भी रहे अनिल दोहरे के अंतिम अंतिम संस्कार से पहले राजकीय सम्मान ना देना यह दोहरी राजनीति है।
सपा ने दी आंदोलन की चेतावनी
उन्होंने कहा कि जबकि कन्नौज के समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण भी एक पुलिस पद पर रह चुके हैं उनको यह बात मालूम है कि पूर्व विधायक के अंतिम संस्कार से पहले राजकीय सम्मान दिया जाता है, लेकिन यहां नहीं किया गया जो दोषी अधिकारी हैं उन पर कार्यवाही की मांग को लेकर ज्ञापन दिया और कहा कि अगर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होगी तो सपा बड़ा आंदोलन करेगी। लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे को लेकर दलित बस्तियों में जाएंगे और उनको बताएंगे कि दलित की बात करने वाले दलित को अंतिम संस्कार के पहले राजकीय सम्मान न देना कहां की बात है।