Kannauj News : यूपी का एक जिला ऐसा जहां दशहरा को नहीं होता रावण दहन, जानें आखिर इसके पीछे का क्या है राज?

Kannauj News : जहां पूरे देश में दशहरा को रावण दहन किया जाता है, लेकिन कन्नौज में दशहरा वाले दिन रावण दहन न करके पूर्णिमा के दिन किया जाता है।

Pankaj Srivastava
Published on: 12 Oct 2024 10:50 AM GMT
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Kannauj News : जहां पूरे देश में दशहरा को रावण दहन किया जाता है, लेकिन कन्नौज में दशहरा वाले दिन रावण दहन न करके पूर्णिमा के दिन किया जाता है। यह ऐसे ही नहीं पूर्णिमा के दिन रावण दहन किया जाता है, बल्कि इसके पीछे एक बहुत बड़ी मान्यता है।

बता दें कि सम्राट हर्ष की नगरी कन्नौज में शताब्दियों से रामलीला हो रही है, लेकिन यहां पर रावण दहन दशहरा वाले दिन न होकर पूर्णिमा को किया जाता है, जबकि पूरे देश में रावण दहन दशहरा वाले दिन ही किया जाता है। कन्नौज के मनीषियों की मानें तो रावण को तीर भगवान श्रीराम ने दशहरा वाले दिन ही मारा था, लेकिन उसके प्राण दशहरा वाले दिन न निकल कर पूर्णिमा के दिन निकले थे, जिसकी वजह से उसका अंतिम संस्कार पूर्णिमा को किया गया था।

शिवपुराण में है वर्णन

कन्नौज कान्यकुब्ज ब्राह्मणों की नगरी है, ऐसे में सदियों से रावण का पुतला दहन कन्नौज में पूर्णिमा के दिन किया जाता है। लोगों का यह भी कहना है कि इसका वर्णन शिव पुराण में भी दिया गया है कि रावण को तीर दशहरा वाले दिन श्रीराम ने मारा था, लेकिन उसके प्राण पूर्णिमा के दिन निकले थे। शिव पुराण में दिए गए वर्णन के अनुसार कन्नौज के लोग सदियों से पूर्णिमा के दिन रावण दहन करते हैं।

पूर्णिमा को हुई थी रावण की मृत्यु

रामलीला आयोजक पवन पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि यह शिव पुराण में भी उल्लेख है कि रावण को भगवान राम ने बाण दशहरा को मारा था, लेकिन उसका अंत नहीं हुआ था। रावण ने अपने प्राण पूर्णिमा वाले दिन त्यागे थे, जिसकी वजह से पूर्णिमा को रावण की मृत्यु होने से कन्नौज की रामलीला में रावण वध पूर्णिमा को किया जाता है। इसलिए पूर्णिमा के दिन रावण का पुतला दहन कन्नौज में किया जाता है।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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