Kannauj News: मां के इस दरबार में हजारों की संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु, जानें क्या है मान्यता

Kannauj News: त्रिपुर सुंदरी मां अन्नपूर्णा के दरबार में आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा को एक दिवसीय विशाल मेले में मां की कृपा पाने को श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक भीड़ उमड़ती है।

Pankaj Srivastava
Published on: 21 July 2024 1:18 PM GMT
Kannauj News
X

Kannauj News (Pic: Newstrack)

Kannauj News: जिले के तिर्वा नगर स्थित त्रिपुर सुंदरी मां अन्नपूर्णा के दरबार में आषाढ़ी पूर्णिमा एवं गुरुपूर्णिमा के पर्व पर रविवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। मान्यता है कि मां के दर्शन पर्व पर करने से भक्तों को माता की विशेष कृपा मिलती है। कन्नौज के साथ साथ महिला पुरुष श्रद्धालुओं का हुजूम मैया के दर्शन करने को एमपी के भिंड, मुरैना, दतिया, ग्वालियर,बुंदेलखंड, झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, औरैया, इटावा, मैनपुरी एटा, अलीगढ़,फर्रुखाबाद, शिकोहाबाद, शाहजहांपुर, हरदोई से भी आया था।

गुरु पूर्णिमा पर एक दिवसीय लगता है मेला

मंदिर के इतिहास की बात करें तो बताया जाता है कि, तिर्वा के राजा प्रीतम सिंह देवी अन्नपूर्णा के दर्शन करने प्रतिवर्ष नवरात्रि में काशी नगरी बनारस जाया करते थे। उनकी आस्था से प्रसन्न होकर देवी मां ने राजा को सपना दिखाया, मां ने स्थान बताया और वहां खुदाई करके प्रतिमा निकालने को कहा। साथ ही वहीं मंदिर निर्माण करने को कहा। बताते हैं कि राजा ने 16 वीं शताब्दी में माता की सपने में कही गई बात पर निर्धारित स्थान पर खुदाई करवाई। जिसके बाद मां की मूर्ति निकली तो राजा ने मंदिर का निर्माण करा दिया। यह मंदिर तिर्वा नगर का त्रिपुर सुंदरी अन्नपूर्णा के मंदिर नाम से ख्याति प्राप्त हुआ। मंदिर द्वार के निकट दक्षिण दिशा में स्थित प्रतिमा मां अन्नपूर्णा की है। मंदिर में भगवती त्रिपुर सुंदरी लक्ष्मी जी की प्रतिमा शी यंत्र के केंद्र बिंदु पर स्थापित है। इसको हांथियों से अभिमंत्रित कर बांधा गया है। मंदिर के नीचे तीन दिशाओं में हांथियों की श्रृंखला बनी हुई है। आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा को यहां विशाल एक दिवसीय मेले में मां की कृपा पाने को श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक भीड़ उमड़ती है।

फसलों को मिलती है उन्नति

51 शक्तिपीठों में शामिल मां अन्नपूर्णा मंदिर की बेशकीमती कारीगरी जिनमें हांथियो के निर्माण से लेकर मंदिर के आधार की शिल्पकला के यहां आने वाले लोगमुरीद से हो जाते हैं। कहा जाता है कि मईया के दरबार की मिट्टी को हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालु अपने साथ प्रसाद के रूप में लेकर जाते हैं। इस मिट्टी के प्रसाद को यह लोग अपने खेतों में डालते हैं। उनका मानना है कि माता का यह प्रसाद उनकी फसलों को उन्नति प्रदान करता है। रविवार को पर्व को लेकर मंदिर में उमड़ी भारी भीड़ ने माता के दरबार में प्रसाद अर्पण करने के साथ ही अनाज का भी मैया को भोग लगाया। इसके बाद माता से सुख संब्रद्धि की कामना भी की। मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को भारी पुलिस बल की मौजूदगी रही।

विशाल मेला का होता है आयोजन

वहीं अन्नपूर्णा भंडारा सेवा समिति तिर्वा द्वारा मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने प्रसाद चखा। मेले में आयोजित विशाल मेले में भी लोगों ने जमकर खरीददारी की। खास बात यह रही कि विगत दो दिन पूर्व हुई बारिश के कारण मंदिर परिसर में पानी का भराव लोगों के लिये समस्या से भरा रहा। माता के मंदिर से पंच मंदिरों के लिये जाने वाले मार्ग के दूसरी ओर लोगों को पानी से होकर गुजरना पड़ा। शनिवार के देर सायं से माता के दर्शन करने का सिलसिला रविवार की देर सायं तक जारी रहा।लोगों ने आस्था के साथ माता रानी के दर्शन करके स्वयं को कृतार्थ किया।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

Next Story